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बेंगलुरु एयरपोर्ट पर नमाज अदा करने पर भाजपा ने उठाए सवाल, खरगे ने दिया सख्त जवाब

बेंगलुरु एयरपोर्ट पर कुछ लोगों के नमाज अदा करने पर विवाद के बाद मंत्री प्रियांक खरगे ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट पर सभी धर्मों के लिए प्रार्थना कक्ष हैं। अगर कोई प्रार्थना करना चाहता है, तो वह वहां कर सकता है

बेंगलुरु एयरपोर्ट पर नमाज अदा करने पर भाजपा ने उठाए सवाल, खरगे ने दिया सख्त जवाब
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बेंगलुरु एयरपोर्ट पर नमाज का मामला: भाजपा ने उठाए सवाल, प्रियांक खरगे ने जवाब दिया

बेंगलुरु। बेंगलुरु एयरपोर्ट पर कुछ लोगों के नमाज अदा करने पर विवाद के बाद मंत्री प्रियांक खरगे ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट पर सभी धर्मों के लिए प्रार्थना कक्ष हैं। अगर कोई प्रार्थना करना चाहता है, तो वह वहां कर सकता है।

कर्नाटक के सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), जैव प्रौद्योगिकी, ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री प्रियांक खरगे ने भाजपा के आरोपों पर कहा, "कर्नाटक सरकार ने एक आदेश जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि ऐसी गतिविधियां सार्वजनिक स्थानों पर नहीं होनी चाहिए। तो, रोक लगाने के लिए अदालत कौन गया? यह भाजपा, आरएसएस और उनके सहयोगी थे। अगर वे इतने चिंतित हैं, तो उन्हें मामला वापस लेना चाहिए।"

इससे पहले, कर्नाटक भाजपा के प्रवक्ता विजय प्रसाद ने एयरपोर्ट पर कुछ लोगों के नमाज अदा किए जाने पर आपत्ति जताई। उन्होंने एयरपोर्ट का एक वीडियो भी शेयर किया, जहां कुछ लोग नमाज अदा कर रहे थे।

तथाकथित वीडियो में देखा गया कि वे लोग जहां नमाज अदा कर रहे थे, वहां ठीक सामने एक एंबुलेंस खड़ी थी और कुछ दूरी पर सुरक्षाकर्मी थे।

प्रवक्ता विजय प्रसाद ने 'एक्स' पोस्ट में लिखा, "बेंगलुरु एयरपोर्ट के टर्मिनल-2 के अंदर इसकी इजाजत कैसे है?"

उन्होंने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और आईटी विभाग के मंत्री प्रियांक खरगे को टैग करते हुए पूछा, "क्या आप इसे मंजूर करते हैं?"

भाजपा प्रवक्ता विजय प्रसाद ने पूछा, "क्या इन लोगों ने हाई सिक्योरिटी वाले एयरपोर्ट एरिया में नमाज पढ़ने के लिए पहले से अनुमति ली थी? ऐसा क्यों है कि जब आरएसएस संबंधित अधिकारियों से अनुमति लेने के बाद भी कार्यक्रम करता है तो सरकार आपत्ति जताती है, लेकिन प्रतिबंधित और सार्वजनिक क्षेत्र में ऐसी गतिविधियों पर आंखें मूंद लेती है?"

उन्होंने सवाल उठाया कि क्या यह इतने संवेदनशील क्षेत्र में सुरक्षा के लिए गंभीर चिंता का विषय नहीं है?


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