कर्नाटक वोटर आईडी घोटाला: मुख्य आरोपी से पूछताछ, सीईसी से संपर्क करेगी कांग्रेस
भाजपा सरकार से जुड़े वोटर आईडी घोटाले में पुलिस ने मुख्य आरोपी चिलूम इंस्टीट्यूशन के संस्थापक रवि कुमार से सोमवार को पूछताछ की

बेंगलुरू। भाजपा सरकार से जुड़े वोटर आईडी घोटाले में पुलिस ने मुख्य आरोपी चिलूम इंस्टीट्यूशन के संस्थापक रवि कुमार से सोमवार को पूछताछ की।
रवि कुमार कथित तौर पर भाजपा सरकार में एक शक्तिशाली मंत्री से जुड़े हुए हैं।
मामले में हलासुरु गेट पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने चिलूम संस्था के ई-खरीद विभाग के कर्मचारी रेणुकाप्रसाद, धर्मेश, निदेशक केम्पे गौड़ा, प्रज्वल को गिरफ्तार किया था।
मतदाता सूची के पुनरीक्षण के बहाने मतदाताओं के डेटा चोरी करने के कांग्रेस के आरोप पर पुलिस की कार्रवाई के बाद से रवि कुमार लापता हो गया था। हालांकि पुलिस ने उसे उस वक्त गिरफ्तार कर लिया, जब वह बेंगलुरु में अपने वकील से मिल रहा था।
कांग्रेस प्रचार पैनल के प्रमुख एम.बी. पाटिल ने कहा है कि पार्टी केंद्रीय चुनाव आयोग (सीईसी) को अगले दो दिनों में घोटाले के बारे में शिकायत देगी।
पाटिल ने कहा कि लोगों का प्राइवेट डाटा कलेक्ट किया गया है। यह एक गंभीर मामला है। दूसरे राज्यों में भी चुनाव होंगे और वहां भी घोटाले की आशंका जताई जा रही है। हम सीईसी के सामने जाएंगे। इस घोटाले में शामिल लोगों को सजा मिलनी चाहिए।
बृहत बेंगलुरु महानगर पालिके (बीबीएमपी) के मुख्य आयुक्त तुषार गिरिनाथ ने कहा कि उन्हें विभिन्न एजेंसियों द्वारा घोटाले के संबंध में चार रिपोर्ट मिली हैं।
उन्होंने कहा कि बीबीएमपी इन रिपोर्ट्स के आधार पर एक अंतिम रिपोर्ट तैयार कर रहा है। बेंगलुरू के चार संसदीय क्षेत्रों को देखने के लिए एक अलग टीम बनाई गई थी। इसकी निगरानी जिला निर्वाचन अधिकारी ने की। रिपोर्ट राज्य के मुख्य चुनाव आयुक्त को सौंपी जाएगी।
पुलिस की जांच में सामने आया है कि आरोपियों ने वोटरों की जाति, उपजाति और लिंग सहित पूरी जानकारी जुटाई थी।
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सत्तारूढ़ पार्टी ने अपनी जरूरतों के हिसाब से बड़े पैमाने पर मतदाताओं को हटाया है। बीजेपी ने इसका खंडन करते हुए कहा है कि पड़ोसी राज्यों से लाए गए फर्जी वोटर्स खासकर माइनॉरिटी वोटर्स को हटाना कांग्रेस के लिए चिंता का विषय है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डी. के. शिवकुमार ने बेंगलुरु के सभी 28 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने 2013 से घोटाले की जांच कराने के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के फैसले का स्वागत किया।
उन्होंने कहा, अगर हमने डेटा का गलत इस्तेमाल किया है तो हमें सजा भी मिलनी चाहिए। हम इंतजार करेंगे और देखेंगे कि पुलिस कैसे जांच करने जा रही है। हम यह भी देखेंगे कि क्या उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश हस्तक्षेप करते हैं और फिर कोई फैसला करेंगे।


