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कर्नाटक : सीईटी परीक्षा से पहले छात्रों से उतरवाए गए जनेऊ, मंत्री बोले- जिम्मेदार लोगों पर होगी कार्रवाई

कर्नाटक के शिवमोगा में कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (सीईटी) से पहले छात्रों से जनेऊ उतरवाने को लेकर मामला गरमा गया है। इस मामले में कर्नाटक के उच्च शिक्षा मंत्री ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है

कर्नाटक : सीईटी परीक्षा से पहले छात्रों से उतरवाए गए जनेऊ, मंत्री बोले- जिम्मेदार लोगों पर होगी कार्रवाई
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बेंगलुरु। कर्नाटक के शिवमोगा में कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (सीईटी) से पहले छात्रों से जनेऊ उतरवाने को लेकर मामला गरमा गया है। इस मामले में कर्नाटक के उच्च शिक्षा मंत्री ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

मामला शिवमोगा के आदिचुंचनगिरी पीयू कॉलेज का है। जानकारी के अनुसार, छात्र कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (सीईटी) देने के लिए कॉलेज पहुंचे थे, तभी तीन छात्रों को जनेऊ और हाथों में रक्षा सूत्र पहनने को लेकर रोक लिया गया। आरोप है कि कॉलेज के गेट पर मौजूद गार्ड ने दो छात्रों के जनेऊ और रक्षा सूत्र को भी खुलवा दिया। हालांकि, एक छात्र जनेऊ न खोलने पर अड़ गया, जिसके बाद उसे 15 मिनट तक गेट पर ही उसे रोककर रखा। इस दौरान उसका रक्षा सूत्र खुलवा लिया गया, मगर उसे जनेऊ पहनकर परीक्षा लिखने की इजाजत दे दी गई।

परीक्षा खत्म होने के बाद यह मामला अभिभावकों और हिंदू संगठनों के लोगों को पता चला तो उन्होंने कॉलेज के गेट पर पहुंचकर गार्ड से सवाल पूछना शुरू कर दिया। अखिल कर्नाटक ब्राह्मण महासभा और विश्व संगठन ने जिम्मेदार लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की। हालांकि, मौके पर पहुंची पुलिस ने उन्हें शांत कराकर वहां से भेज दिया।

इस बीच, कर्नाटक के उच्च शिक्षा मंत्री एम.सी. सुधाकर ने मामले में कार्रवाई का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि अगर छात्रों से जनेऊ उतारने को कहे जाने की घटना की पुष्टि होती है तो जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने कहा, "यह एक ज्यादती है। अगर किसी परीक्षा केंद्र पर ऐसा हुआ है तो हम इसे गंभीरता से लेंगे। हमें सभी जातियों और धर्मों की प्रथाओं का सम्मान करना चाहिए। मैं इस तरह की हरकतों का समर्थन नहीं करता। मैं संबंधित अधिकारियों से रिपोर्ट प्राप्त करूंगा और आगे बढ़ने के लिए उचित कदमों पर विचार करूंगा। अगर घटना की पुष्टि होती है, तो हम स्थिति का फिर से आकलन करेंगे। यह मामले का राजनीतिकरण करने या राजनीतिक लाभ प्राप्त करने के बारे में नहीं है। हमारा किसी समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं है।"

वहीं, शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा ने कहा, "मुझे इस घटना की जानकारी मिली है। किसी को भी इस तरह के निर्देश जारी करने का अधिकार नहीं है। ऐसा कोई कानूनी प्रावधान नहीं है, जो इस तरह की कार्रवाई की अनुमति देता हो। हालांकि, यह मामला सीधे मेरे मंत्रालय के अंतर्गत नहीं आता है, लेकिन मैं इस पर संबंधित विभाग से चर्चा करूंगा। चूंकि यह घटना मेरे गृह जिले शिवमोगा में हुई है, इसलिए मैं अधिकारियों को कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दूंगा।"


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