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कर्नाटक : मंत्री ने लोगों से कोरोना की दूसरी खुराक लेने का किया आग्रह

लोगों को कोरोना वायरस के लिए निर्धारित समय के अंदर वैक्सीन की दूसरी खुराक लेनी चाहिए क्योंकि कोरोना से खुद को बचाने के लिए दोनों खुराकें लेना जरूरी हैं

कर्नाटक : मंत्री ने लोगों से कोरोना की दूसरी खुराक लेने का किया आग्रह
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बेंगलुरु। लोगों को कोरोना वायरस के लिए निर्धारित समय के अंदर वैक्सीन की दूसरी खुराक लेनी चाहिए क्योंकि कोरोना से खुद को बचाने के लिए दोनों खुराकें लेना जरूरी हैं। ये जानकारी कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री ने दी। स्वास्थ्य मंत्री के. सुधाकर ने मंगलवार को कहा, "जब तक महामारी पूरी तरह से समाप्त नहीं हो जाती है, तब तक हमें अपने बचाव में कोई कमी नहीं करनी चाहिए।"

उन्होंने कहा कि कर्नाटक ने पहली खुराक में 89 प्रतिशत और दूसरी खुराक में 48 प्रतिशत का कवरेज हासिल किया है।

मंत्री ने कहा, "केंद्र सरकार जल्द ही बच्चों के लिए कोरोना के टीके लगाना शुरू करेगी। हम प्राथमिकता के आधार पर बच्चों का टीकाकरण कराएंगे क्योंकि हमने पहले ही आरोग्य नंदन कार्यक्रम के माध्यम से कमजोर बच्चों की पहचान कर ली है। राज्य ने पहले ही लगभग 6.75 करोड़ टीके की खुराक दी है और हमने अब पूरी प्रक्रिया को सुव्यवस्थित कर दिया है।"

मिंटो आई हॉस्पिटल की 125वीं वर्षगांठ समारोह में सुधाकर ने कहा कि अभिनेता पुनीत राजकुमार के नेत्रदान ने चार लोगों की आंखों की रोशनी लौटाने में मदद की है।

सुधाकर ने कहा, "तकनीक इतनी उन्नत है कि अब हम एक व्यक्ति की आंखों से चार लोगों को दृष्टि दे सकते हैं। हमारे देश में लगभग 3-4 करोड़ लोग अंधेपन से जूझ रहे हैं। हमें अपनी आंखें दान करने के लिए आगे आने वाले लोगों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है। मौत के बाद भी चार लोगों को दृष्टि प्रदान करने में सक्षम होना एक आशीर्वाद है। मुख्यमंत्री बसवज बोम्मई ने अपने अंग दान करने का संकल्प लिया है। मैंने पिछले साल अपनी आंखें दान करने का संकल्प लिया था। हमें इसे एक जन आंदोलन बनाने की जरूरत है।"

कई दशकों से डॉक्टरों, नसिर्ंग और अन्य कर्मचारियों की कड़ी मेहनत के कारण मिंटो आई अस्पताल अब अपने 125वें वर्ष में प्रवेश कर गया है। ऐसे ऐतिहासिक संस्थान का हमारे राज्य में होना गर्व की बात है। मिंटो अस्पताल की शुरुआत 1896 में एक छोटे से औषधालय के रूप में हुई थी। लेकिन अब लोगों का इलाज करते हुए इसे 125 साल हो गए हैं।

मंत्री ने कहा कि अस्पताल ने लगभग 125 सालों से प्लेग से लेकर हाल के कोरोना महामारी तक लोगों का इलाज किया है। लगभग 500-800 लोग रोजाना ओपीडी में आते हैं और हर साल लगभग 10,000 सर्जरी की जाती हैं।


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