कर्नाटक: गांवाें में सूखे जैसे हालात, लोग पलायन कर रहे
उत्तरी कर्नाटक के अधिकतर गांवाें में सूखे जैसे हालात के चलते ग्रामीण पलायन कर रहे हैं जिससे गांव निर्जन होते जा रहे हैं
हुबली। उत्तरी कर्नाटक के अधिकतर गांवाें में सूखे जैसे हालात के चलते ग्रामीण पलायन कर रहे हैं जिससे गांव निर्जन होते जा रहे हैं । इन गांवों में पीने के पानी,खाना और मवेशियों के लिए चारे की कमी हो गयी है ।
इन गांवों में गर्मी का मौसम शुरू होने के बाद से ही बारिश की एक बूंद भी नहीं गिरी और पेयजल की स्थिति भी खतरनाक हो गयी है । फसलों के पूरी तरह नष्ट होने के बाद किसानों के पास खाने के लिए कुछ भी नहीं बचा है और राेजगार तथा जीविकोपार्जन के लिए ये दूसरे स्थानों पर जाने को मजबूर हैं ।
धारवाड़ जिले में अनेक गांवों में पीने के पानी की भीषण किल्लत है और अधिकतर जलाशय खूख चुके हैं । जिला प्रशासन इस स्थिति से निपटने के भरसक प्रयास कर रहा है। इन गांवों में पीने के पानी का एकमात्र स्रोत अब टैंकर ही बचे हैं और अासपास के गांवों में टैंकरों से पानी की आपूर्ति की जा रही है ।
जिला उपायुक्त (धारवाड़) एस जी बोमानहाली ने यूनीवार्ता को बताया कि जिला प्रशासन अपनी तरफ से हर संभव प्रयास कर रहा है और किसानों से अपील की जा रही है कि वे घबराएं नहीं। हुबली और धारवाड़ में पेयजल की स्थिति बहुत ही भयंकर हो चुकी है ।
इन गांवों में अाठ से दस दिनों में पानी की आपूर्ति की जा रही है और लोग पीने के पानी एकत्र कर रहे हैं । गाड़ग जिले में गाड़ग शहर के लोगों के पास खरीदकर पानी पीने के अलावा कोई ओर विकल्प नहीं बचा है क्योंकि निगम की ओर पानी की आपूर्ति नहीं की जा रही है।
इस शहर को जल की आपूर्ति तुंगा नदी से होती है लेकिन अब इसमें भी धीरे-धीरे पानी सूखता जा रहा है और वह दिन दूर नहीं जब लोगों को टैंकरों से पानी की आपूर्ति करनी पड़ेगी ।
हावेरी जिले में भी स्थिति ज्यादा बेहतर नहीं है और जिले में वारादा नदी तथा तुंगा नदी ही पेयजल का एकमात्र स्रोत हुआ करती थी लेकिन इनमें पानी का स्तर कम होता जा रहा है ।
इन दोनों नदियोें के जलाशय भी काफी तेजी से सूखते जा रहे हैं । पानी की किल्ल्त को देखते हुए इन जिलों में फलों तथा सब्जियों की कीमतें आसमान छू रही है और अब बाजाराें में अलग-अलग सब्जियोें की अावक बहुत ही कम हो गयी है ।


