सिद्दारमैया की अनुपस्थिति में कर्नाटक कैबिनेट की बैठक में सीएम को जारी नोटिस पर चर्चा
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया कैबिनेट बैठक में शामिल नहीं हुए। बैठक में राज्यपाल द्वारा उन्हें जारी "कारण बताओ नोटिस" पर चर्चा हुई

बेंगलुरु। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया गुरुवार को कैबिनेट बैठक में शामिल नहीं हुए। बैठक में राज्यपाल द्वारा उन्हें जारी "कारण बताओ नोटिस" पर चर्चा हुई। नोटिस में उनसे यह बताने के लिए कहा गया था कि कथित मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) साइट आवंटन के संबंध में अभियोजन को मंजूरी क्यों नहीं दी जानी चाहिए।
गृह मंत्री परमेश्वर ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि सिद्दारमैया ने उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को बैठक की अध्यक्षता करने के लिए अधिकृत किया थाा। इसके बाद बैठक की अध्यक्षता उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को ने की।
बैठक से पहले उपमुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि कैबिनेट मीटिंग के बाद आपको आगे के बारे में बताउंगा। देश में हर चीज संविधान के अनुरूप होगी।
बेंगलुरु वह शहर है, जो बहुत अधिक राजस्व देता है। आगामी समय में विश्व निवेशक बेंगलुरु आ रहे हैं। हम मनमोहन सिंह जी को धन्यवाद देते है, जिनके समय में शहर का इतना विकास हुआ है। मनमोहन सिंह जी के समय में इस शहर को बहुत महत्व दिया गया था। उपमुख्यमंत्री ने कहा, अब हम वर्तमान प्रधानमंत्री मोदी से शहर के विकास में मदद करने की मांग कर रहे हैं।
बता दें, कर्नाटक में इन दिनों मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) का मुद्दा गर्माया हुआ है। राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को नोटिस जारी कर एमयूडीए द्वारा उनकी पत्नी को भूमि साइटों के आवंटन में कथित अनियमितताओं को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है। इस मुद्दे पर सिद्धारमैया ने पार्टी आलाकमान को बताया था कि वह एमयूडीए भूमि आवंटन से संबंधित किसी भी दस्तावेज़ पर हस्ताक्षरकर्ता नहीं थे। सूत्रों के मुताबिक उन्होंने आलाकमान से अपने खिलाफ किसी भी फैसले को कानूनी और राजनीतिक रूप से लड़ने के लिए समर्थन मांगा है।


