करण जौहर ने आरके स्टूडियो की अपनी याद साझा की
फिल्मकार करण जौहर का कहना है कि आइकॉनिक आरके स्टूडियो की उनकी सबसे प्यारी याद एक निर्देशक के तौर पर नहीं, बल्कि एक कलाकार के तौर पर

मुंबई। फिल्मकार करण जौहर का कहना है कि आइकॉनिक आरके स्टूडियो की उनकी सबसे प्यारी याद एक निर्देशक के तौर पर नहीं, बल्कि एक कलाकार के तौर पर है। करण ने शनिवार को ट्विटर पर लिखा, "आरके स्टूडियो भारतीय सिनेमा के बड़े इंस्टीट्यूशन से बहुत अधिक है, इसने मेरे कई निजी सपनों को भी आकार दिया है। मेरी सबसे प्यारी याद एक निर्देशक के तौर पर नहीं, बल्कि एक कलाकार को तौर पर है।"
RK studios is more than a mega institution of Indian cinema, it has also shaped many personal memories for me. My fondest memory wasn't as a director but as an actor! I was 15 & shooting for a TV serial called Indradhanush which was being filmed there & one of my first times on
— Karan Johar (@karanjohar) February 15, 2020
उन्होंने आगे कहा, "मैं 15 साल का था और 'इंद्रधनुष' नामक एक टीवी सीरियल की शूटिंग वहां हो रही थी और मैं पहली बार वहां सेट पर गया था।"
A Set. I remember standing at the gate of RK Studios, excited to get on set & walk through the corridors where the great Raj Kapoor created some of the most memorable films. You can now experience the same wonder of driving through
— Karan Johar (@karanjohar) February 15, 2020
करण ने आगे कहा, "मुझे याद है कि आरके स्टूडियो के गेट पर खड़े होकर मैं सेट पर जाने के लिए कितना उत्साहित था और उन कॉरिडोर के माध्यम से गया था, जहां महान राज कपूर ने कई यादगार फिल्में बनाई थी।"
आरके स्टूडियो में 'आग'(1948), 'बरसात'(1949), 'आवारा'(1951), 'श्री 420'(1955), 'जागते रहो'(1956), 'अनाड़ी'(1959), 'संगम'(1964), 'मेरा नाम जोकर'(1970), 'बॉबी'(1973), 'सत्यम शिवम सुंदरम'(1978) और भी कई फिल्मों की शूटिंग हुई है।


