कपिल मिश्रा निशाने पर, विशेषाधिकार कमेटी को सौंपी गई जांच
दिल्ली विधानसभा में परचे फेंके जाने की घटना के दौरान मौजूद रही एक महिला के आज विधानसभा परिसर में आने पर सत्तरूढ़ दल का पारा चढ़ गया

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा में परचे फेंके जाने की घटना के दौरान मौजूद रही एक महिला के आज विधानसभा परिसर में आने पर सत्तरूढ़ दल का पारा चढ़ गया। आप विधायकों ने जब ऐतराज किया तो स्पीकर रामनिवास गोयल ने कहा कि एक महिला विधानसभा परिसर में आई थी उसने अनाधिकार चेष्टा से विधायक लाउंज में आकर विधायकों से बहस की व दर्शक दीर्घा में अनधिकृत प्रवेश किया। उसके पास के लिए अनुमोदन नेता प्रतिपक्ष कार्यालय ने किया और आज वह महिला विधायक कपिल मिश्रा के साथ आई इस पर जांच जारी है, और नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
हालांकि जैसे ही जरनैल सिंह ने यह मामला उठाया कपिल मिश्रा ने खड़े होकर जवाब देना चाहा तो स्पीकर ने उन्हें तुरंत चुप कराया और फिर मार्शलों से उन्हें बाहर करने का आदेश सुनाया। इसके बाद मामले को राखी बिड़लान के प्रस्ताव पर विशेषाधिकार हनन कमेटी को सौंप दिया गया।
राजनीतिक जानकारों की माने तो इससे संकेत जरूर मिलते हैं कि सत्तारूढ़ दल जांच के बाद कपिल मिश्रा को भी भाजपा विधायक ओमप्रकाश शर्मा की तरह सदन से बाहर करने की भूमिका बनारहा है।
भाजपा विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा व जगदीश प्रधान के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव व कार्य स्थगन प्रस्ताव को आज स्पीकर ने जब अस्वीकार कर दिया तो दोनों विधायकों ने स्पीकर के रवैए पर नाराजगी जताते हुए सदन का बहिष्कार किया।
दिल्ली विधानसभा में इससे पूर्व अपने अपने इलाके की समस्याओं को उठाते हुए विधायकों ने सरकार सेकई क्षेत्र में काम न होने की शिकायत की।
सदर बाजार विधायक सोमदत्त ने मोहल्ला क्लिनिक खोलने की मांग रखी।
आम आदमी पार्टी विधायक विशेष रवि ने आरोप लगाया कि उनके इलाके के विकास कार्यों के लिए बजट नहीं मिल रहा है, इसके जवाब में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आज स्पष्ट किया कि डोडा से विधायक निधि के लिए पूर्व में किए गए प्रबंध खत्म किए गए हैं और अब विधायक निधि शहरी विकास विभाग द्वारा ही जारी की जाएगी।
आप विधायक शिवचरण गोयल ने अपने इलाके में अवैध निर्माण की शिकायत की तो मनजिंदर सिंह सिरसा ने सरकार से श्वेत पत्र लाने की मांग रखी।
भाजपा विधायक सिरसा ने कहा कि मुख्यमंत्री को उनके अधिकारी ही मुख्यमंत्री मानने को तैयार नहीं है इस पर विवाद भी हुआ।
चांदनी चौक से विधायक अलका लांबा ने शाहजहानाबाद पुनर्विकास बोर्ड के चेयरमैन को लेकर कहा कि इस के चेयरमैन को लेकर लोक निर्माण विभाग के अधिकारी में भ्रम है जिससे पूरा कार्य प्रभावित हो रहा है।


