कान्यकुब्ज ब्राह्मण समाज ने किया पितरों को नमन
जो समाज श्रद्धापूर्वक धार्मिक भावना से संस्कारों का पालन करता है वह सदैव प्रशंसनीय होता है ये उद्गार है

रायपुर। जो समाज श्रद्धापूर्वक धार्मिक भावना से संस्कारों का पालन करता है वह सदैव प्रशंसनीय होता है ये उद्गार है गौसेवा आयोग के अध्यक्ष राजेश्री महंत रामसुंदर दास जी के एवं अवसर था कान्यकुब्ज ब्राह्मण समाज द्वारा आशीर्वाद भवन रायपुर में पितृमोक्ष अमावश्या पर आयोजित 58 दिवंगतजनों को सामूहिक श्रद्धांजलि प्रदान करने का।
कोरोना महामारी से जहां पूरा विश्व परेशान रहा वहीं ब्राह्मण समाज भी अछूता नही रहा । असमय मृत्यु के कारण बहुतों का पूर्ण रीतिरिवाजों के साथ सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार भी नही हो पाया था ऐसे सभी दिवंगत जनों को सामूहिक श्रद्धांजलि प्रदान करने का कार्यक्रम रखा गया था। लगातार बजती रामधुन से पूरा वातावरण भावुक रहा। कार्यक्रम का प्रारंभ श्री जी.पी. सर जी की बांसुरी वादन से हुआ और मधुर धुन ने सभी का मन मोह लिया, विद्वान वक्ताओं के उद्बोधन से लगातार कार्यक्रम मार्मिक एवं भावुक होते चले गया। कार्यक्रम का बखूबी संचालन अपनी प्रतिभा के अनुरूप उपाध्यक्ष पं. राघवेन्द्र मिश्र ने किया एवं एक सुन्दर काव्यपाठ से सभी की आखों में अश्रु छलका दिया।
कार्यक्रम में समाज के युवा कवि पं. लक्ष्मीदत्त बाजपेयी के स्वरचित कविता पाठ से सभागार में उपस्थितजन भाव विभोर हो गऐ संस्था के अध्यक्ष पं. अरूण शुक्ल ने अपनी नम आखों एवं रूंधे गले से बताया कि जैसे-जैसे पीडि़त परिवारों से सम्पर्क होता जा रहा था वैसे-वैसे कार्यक्रम की भावुकता एवं अनिवार्यत: समझ में आती जा रही थी। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महामाया मंदिर के सम्माननीय पुजारी पं. मनोज शुक्ल जी भी काफी भावुक हो गऐ उन्हाने असामयिक दु:खद निधन पर शोक प्रकट किया एवं उनके परिवारजनों को ढांढस बंधाया, उनकी स्मृति अक्षुण्य रखने हेतु एक एक पौधा रोपित करने का सुझाव दिया।
उन्होने कहा कि अपनी सभ्यता व संस्कृति की रक्षा करना हमारा कर्तव्य होना चाहिए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गौसेवा आयोग के अध्यक्ष राजेश्री महंत रामसुंदर दास जी ने अपने मार्मिक उद्बोधन में संस्कारों का महत्व पितृपक्ष, तर्पण, श्राद्ध कार्य करने का अपने जीवन में क्या महत्व है? के विषय में बताया। उन्होने कहा कि प्रशंसनीय है कान्यकुब्ज ब्राह्मण समाज जिसने नैतिक मूल्यों की रक्षा करते हुऐ अपने सामाजिक दायित्वों का निर्वहन सामूहिक श्रद्धांजलि कार्यक्रम के माध्यम से किया। संस्था के सचिव पं. सुरेश मिश्रा ने आभार प्रकट करते हुऐ बताया कि यह कार्यक्रम समाज द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में श्रेष्ठ रहा। सभागार की व्यवस्था एवं आयोजन में पं. रज्जन अग्निहोत्री का बहुमूल्य सहयोग प्राप्त हुआ।
कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थित सदस्यों ने कुछ क्षण का मौन रखकर ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति हेतु प्रार्थना की एवं सभी ने कम से आकर दिवंगतजनों के छायाचित्रों पर पुष्प अर्पित कर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम में दिवंगतजनों के परिवार के सदस्य मुख्य रूप से उपस्थित रहे एवं संस्था के सदस्य व पदाधिकारीगण भी उपस्थित रहें ।


