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संदिग्ध आतंकवादी सैफुल्ला का शव लेने से पिता का इनकार

कानपुर ! उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बुधवार को तड़के सुरक्षा बलों द्वारा मुठभेड़ में मार गिराए गए संदिग्ध आतंकवादी सैफुल्ला का शव लेने से उसके पिता ने इनकार कर दिया है।

संदिग्ध आतंकवादी सैफुल्ला का शव लेने से पिता का इनकार
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कानपुर ! उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बुधवार को तड़के सुरक्षा बलों द्वारा मुठभेड़ में मार गिराए गए संदिग्ध आतंकवादी सैफुल्ला का शव लेने से उसके पिता ने इनकार कर दिया है। सैफुल्ला के पिता सरताज ने यहां पत्रकारों से कहा कि उनका बेटा काम-धाम न करने को लेकर डांट पड़ने के बाद दो-ढाई महीने पहले घर छोड़कर चला गया था।

सरताज ने बताया कि जिस दिन उनका बेटा घर छोड़कर गया, उससे एक दिन पहले ही उन्होंने उसकी पिटाई की थी। सैफुल्ला ने एक सप्ताह पहले अपने परिवार से संपर्क किया था और बताया था कि वह नौकरी करने सऊदी अरब जा रहा है।

सरताज ने पत्रकारों से कहा, "उसने जो किया वह देशहित में नहीं था। हम इस तरह देश से गद्दारी करने वाले का शव नहीं लेंगे। एक देशद्रोही मेरा बेटा नहीं हो सकता। हम भारतीय हैं, हमारा जन्म भारत में हुआ है, हमारे पूर्वजों का भी जन्म भारत में ही हुआ था। इस देश के खिलाफ काम करने वाला इंसान मेरा बेटा नहीं हो सकता।"

सरताज ने कहा, "मैं उससे कोई काम-धाम ढूंढने के लिए कहा करता था, लेकिन वह मेरी सुनता ही नहीं था। मैं अक्सर गुस्सा हो जाया करता था और उसकी पिटाई कर बैठता था। करीब दो-ढाई महीने पहले मैंने इसी वजह से उसकी पिटाई की थी। अगले दिन जब मैं काम से लौटा तो मुझे पता चला कि वह घर छोड़कर जा चुका है।"

जब उनसे पूछा गया कि घर छोड़कर जाने के बाद क्या सैफुल्ला ने परिवार वालों से बात की थी, उन्होंने बताया, "बीते सोमवार को उसकी कॉल आई थी और उसने बताया था कि उसे सऊदी के लिए वीजा मिल गया है। मैंने कहा था जो मर्जी हो करो।"

कथित तौर पर इस्लामिक स्टेट (आईएस) से जुड़े सैफुल्ला को आतंकवाद-रोधी अभियान में बुधवार तड़के 3 बजे मार गिराया गया। मंगलवार की दोपहर से ही उसके साथ सुरक्षा बलों की मुठभेड़ शुरू हुई थी। सैफुल्ला कमरे के अंदर से ही गोली चलाता रहा, उसे समर्पण करने को कहा गया, लेकिन उसने इनकार कर दिया। सुरक्षा बलों ने पहले आंसूगैस का इस्तेमाल किया, ताकि वह करमें से निकले और उसे जिंदा पकड़ा जा सके, लेकिन वह कमरे में ही छिपा रहा। आखिरकार उसे मार गिराया गया।

सैफुल्ला के बड़े भाई खालिद ने बताया कि सैफुल्ला ने परिवार वालों को बताया था कि वह सऊदी अरब का वीजा हासिल करने मुंबई जा रहा है। उन्होंने बताया कि सैफुल्ला सऊदी जाकर चमड़ा उद्योग में काम करना चाहता था।

खालिद ने पत्रकारों को बताया कि सैफुल्ला अपने साथ आधार कार्ड, पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज ले गया था और घर छोड़कर जाने के बाद उसका फोन अक्सर बंद ही मिलता था। खालिद ने बताया कि सैफुल्ला ने अकाउंट्स में शिक्षा हासिल की थी, बहुत धार्मिक व्यक्ति था और पांचों वक्त की नमाज अदा करता था।

पुलिस ने आईएएनएस को बताया कि सैफुल्ला ने लखनऊ के ठाकुरगंज इलाके में स्थित हाजी कॉलोनी में पांच कमरों वाला एक घर किराए पर ले रखा था। वह पिछले तीन महीनों से दो दोस्तों के साथ उस घर में रह रहा था। हालांकि उसके दोनों दोस्त इस समय फरार हैं।

हाजी कॉलोनी स्थित यह मकान किसी बादशाह खान नाम के व्यक्ति की है, जिसकी देखभाल उसी घर में अपने परिवार के साथ रह रहे अब्दुल कयूम कर रहे थे।

अब्दुल ने पुलिस को बताया कि उन्होंने ही मकान मालिक की इजाजत से सैफुल्ला को 3,000 रुपये प्रति महीने पर घर किराए पर दिया था।

उत्तर प्रदेश पुलिस का आतंकवाद-रोधी दस्ता (एटीएस) मंगलवार की दोपहर जब सैफुल्ला को गिरफ्तार करने पहुंचा तो सैफुल्ला ने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी शुरू कर दी और बार-बार चेतावनी दिए जाने के बावजूद समर्पण नहीं किया।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने संदिग्ध आतंकवादी को जीवित गिरफ्तार करने की पूरी कोशिश की, लेकिन वे इसमें सफल नहीं हो सके।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक टीम बुधवार को घटनास्थल पर पहुंची और सैफुल्ला के कमरे में रखा सामान अपने कब्जे में कर मामले में जांच शुरू कर दी है।


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