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कानन पेेंडारी के कर्मियों की हड़ताल से व्यवस्था चरमराई

कानन पेंडारी जू के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए है

कानन पेेंडारी के कर्मियों की हड़ताल से व्यवस्था चरमराई
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बिलासपुर। कानन पेंडारी जू के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए है। इसके कारण पिछले तीन दिन से व्यवस्था चरमरा गई है। हालांकि हालात को देखते हुए अफसरों ने मोर्चा संभाल लिया है। वन्य प्राणियों को चारा देने, केज की सफाई व अन्य काम के लिए बाहर से 35 मजदूर लाए गए है।

वहीं नियमित कर्मचारियों द्वारा मानिटरिंग की जा रहीं है। कानन पेंडारी के प्रभारी अधिकारी व एसडीओ लगातार व्यवस्था का जायजा ले रहे है। नियमितीकरण की मांग को लेकर सर्व दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी संघ के तत्वाधान में दैनिक वेतन भोगीयों ने काम बंद कर दिया है।

इसलिए कानन पेंडारी की व्यवस्था डगमगा गई। आनन फानन में कानन पेंडारी प्रबंधन द्वारा ग्राम पेंडारी और सकरी से मजदूरों की व्यवस्था की गई। शनिवार को सभी वन्य प्राणियों के केज को धुलवाया गया। इनके साथ नियमित कर्मचारियों को अलर्ट किया गया। वे लोग मजदूर के साथ मिलकर वन्य प्राणियों को चारा-पानी दे रहे है। कानन पेंडारी के प्रभारी अधिकारी सुनील कुमार ने बताया दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से थोड़ी अव्यवस्था हुई है।

वन्य प्राणियों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो इसलिए 15 नियमित कर्चचारियों के साथ बाहर से 35 मजदूर लाए गए है। शनिवार को दोपहर 1 बजे एसडीओ एचबी खान कानन पेंडारी प्रभारी सुनील कुमार रेंजर केडी घृतेश ने कानन पेंडारी का निरीक्षण कर सभी वन्य प्राणियों के केज का जायजा लिया। सिर्फ कानन पेंडारी ही नहीं बल्कि बिलासा ताल में कार्यरत 7 दैनिक वेतन भोगी हड़ताल पर चले गए है। इसके अलावा खोंदरा और बिलासपुर वन मंडल कार्यालय के 62 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों ने भी हड़ताल कर दी है।

एटीआर के दैनिक वेतन भोगी भी हड़ताल पर चले गए है। एटीआर के डायरेक्टर सत्य प्रकाश मसीह ने कहा कि दैनिक वेतन भोगी हड़ताल पर है। लेकिन इससे कुछ खास प्रभाव नहीं पड़ा है। नियमित कर्मर्चारियों को जंगल और वन्य प्राणियों की सुरक्षा के लिए लगा दिया गया है।


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