डीबीसी के कार्यों पर सूक्ष्म नजर रखेगी दक्षिणी निगम की ऐप - कमलजीत सहरावत
जलजनित बीमारियों पर निगरानी के लिए बनाया गया ऐप जहां दैनिक कार्यों में डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर्स (डीबीसी) की सहायता करेगी वहीं, उनकी गतिविधियों पर सूक्ष्म नजर भी रखेगी

नई दिल्ली। जलजनित बीमारियों पर निगरानी के लिए बनाया गया ऐप जहां दैनिक कार्यों में डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर्स (डीबीसी) की सहायता करेगी वहीं, उनकी गतिविधियों पर सूक्ष्म नजर भी रखेगी। जैसे ही डीबीसी कर्मी टैबलेट कंप्यूटर पर लॉगिन करेगा उसकी लोकेशन दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के नियंत्रण कक्ष में ट्रैक हो जाएगी और निगम को पता चल जाएगा कि इस वक़्त उसका कर्मचारी कहां है।
इसके अलावा टैब में मौजूद ऐप डीबीसी कर्मी को उसके अगले गंतव्य स्थल की भी जानकारी देगी। यानि ऐप उस इलाके को इंगित करेगी जहां डेंगू के लार्वा की जांच की जानी है। उक्त जानकारी महापौर कमलजीत सहरावत ने दी।
इसके साथ ही महापौर ने कहा कि घर-घर जाकर जांच करने के अभियान में तेजी लाई जाए क्योंकि जलजनित बीमारियों के लिहाज से आगामी चार महीने बहुत ही कठिन होंगे। इसलिए समय रहते इन बीमारियों पर काबू पाने में जुट जाना चाहिए।
उन्होंने बताया कि निगम ने डेंगू- चिकनगुनिया जैसी बीमारियों के कारणों पर रोक लगाने के लिए सख्ती बरतने का फैंसला किया है। अब किसी घर में जांच के दौरान डेंगू के लार्वा मिलने पर न सिर्फ उस घर के स्वामी पर जुर्माना लगाया जायेगा। बल्कि जुर्माने का भुगतान नहीं करने की स्थिति में यह राशि संपत्तिकर के साथ वसूली जाएगी। यह नियमसूरत नगर निगम में लागू है जल्द ही इसे दक्षिणी निगम इलाके लागू किया जायेगा। वहीं, रसीद देते समय इस जुर्माने का जिक्र भी किया जाएगा।
यह योजना उन लोगों के लिए लाई गई है जो अक्सर जुर्माने का भुगतान नहीं करते हैं।
गौरतलब है कि डेंगू और चिकगनुनिया फैलाने वाले मच्छर की उत्पत्ति साफ पानी में होती है लेकिन जब बात अमल की आती है तो लोग कभी व्यवस्था में खामी होने या फिर कोई और बहाना बनाकर अपनी जिम्मेदारियों से बचते हैं।
नतीजन, कूलर, एसी, फ्रिज, रेफ्रिजरेटर में जमा साफ पानी में डेंगू मच्छर के लार्वा पनपने लगते हैं जो लोगों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते हैं। हालांकि लोगों के घरों में जांच करने वाले डीबीसी को अगर किसी घर के फ्रिज, एसी या फिर कूलर समेत अन्य कंटेनर में मच्छर का लार्वा मिलता है तो डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर उस वस्तु की दो बार सफाई करते हैं।साथ ही मकान मालिक को नोटिस दिया जाता है और उन्हें पंपलेट, पोस्टर और बैनर के जरिये मच्छर प्रजनन के कारणों की जानकारी दी जाती है।
बावजूद इसके तीसरी बार चेकिंग के दौरान अगर कूलर, कंटेनर या किसी अन्य सामान में लार्वा मिलता है तो डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर सफाई तो करते हैं लेकिन मेहनताना मकान मालिक से वसूलते हैं। आवासीय कालोनियों में प्रत्येक सफाई पर यह मेहनताना 50 रुपये जबकि व्यवसायिक इलाके में 100 होता है।


