Top
Begin typing your search above and press return to search.

कमल विहार बना आरडीए के गले की हड्डी, 493 करोड़ का कर्ज वसूलने कोर्ट पहुंचा बैंक

कमल विहार को बसाने के लिए रायपुर विकास प्राधिकरण (आरडीए) ने कर्ज ले तो लिया पर अब वह कर्ज के बोझ से दब गया है

कमल विहार बना आरडीए के गले की हड्डी, 493 करोड़ का कर्ज वसूलने कोर्ट पहुंचा बैंक
X

रायपुर। कमल विहार को बसाने के लिए रायपुर विकास प्राधिकरण (आरडीए) ने कर्ज ले तो लिया पर अब वह कर्ज के बोझ से दब गया है। आरडीए सेंट्रल बैंक का 493 करोड़ रुपये का कर्ज जमा नहीं कर पा रहा है। बैंक ने आरडीए को नान परफार्मिंग ऐसेट (एनपीए) में डाल दिया है।

कर्ज वसूली के लिए बैंक और आरडीए के अधिकारियों के बीच कई बार उच्च स्तरीय बैठक हुई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। अब बैंक जबलपुर स्थित ऋण वसूली न्यायाधिकरण (डीआरटी) की शरण में पहुंच गया है।

आरडीए ने लिया है 600 करोड़ कर्ज

आरडीए कमल विहार प्रोजेक्ट के लिए साल 2010 में 500 करोड़ और 2015 में 100 करोड़ रुपये कर्ज लिया था। इस कालोनी के प्लाट्स की बिक्री साल-2015 में शुरू हुई थी। तभी इसके प्लाट में लोगों ने रुचि दिखाई, लेकिन उत्साह तेजी से ठंडा भी पड़ गया। इस कारण कमल विहार से कमाई तो दूर, आरडीए के पास लिए हुए कर्ज का ब्याज पटाने की दिक्कत आ रही है।

तंगहाली के कारण कोई नई योजना नहीं

कमल विहार के कारण खराब हुई माली हालत के कारण रायपुर विकास प्राधिकरण कोई नई योजना पर काम ही नहीं कर रहा है। फिलहाल जितने भी प्रोजेक्ट्स हैं वह काफी पुराने हैं। नए प्रोजेक्ट्स में सिर्फ कमल विहार और इंदप्रस्थ है। इन्द्रप्रस्थ का निर्माण कार्य अब जाकर पूरा हुआ है। आरडीए ने इन्द्रप्रस्थ के फ्लैट की बिक्री कर दिया था। फ्लैट की बुकिंग कराने के बाद भी हितग्राही फ्लैट लेने नहीं पहुंचे। आरडीए फ्लैट की बिक्री दोबारा करने के लिए आवेदन मंगा रहा है।

विशेषज्ञ का कहना है कि कमल विहार में विश्व स्तरीय सुविधा देने के नाम पर बजट से अधिक खर्चा कर दिया गया। अधिकारियों ने बड़े-बड़े प्लाट काट दिए जिससे प्लाटों की बिक्री नहीं हो पाई। इस कारण आरडीए धीरे-धीरे कर्ज में डूब गया।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it