कमल नाथ बताएं, क्यों रोका था आदिवासियों का पोषण भत्ता : शर्मा
भाजपा की मध्यप्रदेश इकाई के अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ से सवाल किया है कि वे बताएं कि गरीब सहरिया, बैगा, भारिया आदिवासी महिलाओं महिलाओं का पोषण भत्ता क्यों रोका था

भोपाल। भारतीय जनता पार्टी की मध्यप्रदेश इकाई के अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ से सवाल किया है कि वे बताएं कि गरीब सहरिया, बैगा, भारिया आदिवासी महिलाओं महिलाओं का पोषण भत्ता क्यों रोका था। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष शर्मा ने बुधवार को कहा कि भाजपा सरकार के संवेदनशील मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान जिन्हें कांग्रेस के लोग भूखे-नंगे कहते हैं, उन्होंने सहरिया, बैगा, भारिया जनजातियों की महिलाओं को पोषण भत्ते के रूप में प्रतिमाह 1000 रुपये का पोषण भत्ता देना शुरू किया था। लेकिन देश के नंबर देा के उद्योगपति कमलनाथ ने मुख्यमंत्री बनते ही इन महिलाओं को मिलने वाला भत्ता बंद कर दिया।
शर्मा ने कहा कि कांग्रेस के लोग भूखे-नंगे कहकर गरीबों का सिर्फ अपमान ही नहीं कर रहे हैं, बल्कि ये तो उनकी जिंदगी से भी खेलते रहे हैं। क्या कमल नाथ और कांग्रेस के लोग यह नहीं चाहते थे कि इन जनजातीय समुदायों में मातृ एवं शिशु मृत्युदर में कमी आए? क्या वे नहीं चाहते थे कि इन समुदायों की महिलाएं और बच्चे स्वस्थ रहें और अपने परिवार तथा समाज को रोगमुक्त बनाने में योगदान दें?
शर्मा ने कहा, "ऐसे उद्योगपति से तो भूखे-नंगे होना ही अच्छा है, क्योंकि हमारे मुख्यमंत्री ने न सिर्फ इन समुदायों की दो लाख महिलाओं को भत्ता देना शुरू किया, बल्कि उस समय का बाकी पैसा भी दे रहे हैं, जब प्रदेश में एक उद्योगपति की सरकार थी।"
शर्मा ने कहा कि कमल नाथ को यह बताना चाहिए कि उन्होंने सहरिया, बैगा, भारिया महिलाओं को पोषण भत्ते के रूप में दी जाने वाली 1000 रुपये की राशि क्यों रोक ली थी? क्या उद्योगपति कमल नाथ यह नहीं चाहते थे कि इन आदिवासी महिलाओं में व्याप्त कुपोषण की समस्या दूर हो?


