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कलाम को 86 वीं जयंती पर देशवासियों ने  पेंटिंग के जरिये श्रद्धांजलि अर्पित की

डॉ़ एपीजे अब्दुल कलाम को एक लाख से अधिक लोगों ने आकर्षक रंगबिरंगे पोस्टकार्डों पर पेंटिंग के जरिये भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है।

कलाम को 86 वीं जयंती पर देशवासियों ने  पेंटिंग के जरिये श्रद्धांजलि अर्पित की
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नयी दिल्ली। नये भारत के निर्माण के लिए युवा वर्ग को प्रेरित करने वाले दिवंगत राष्ट्रपति डॉ़ एपीजे अब्दुल कलाम को एक लाख से अधिक लोगों ने आकर्षक रंगबिरंगे पोस्टकार्डों पर पेंटिंग के जरिये भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है।

डा़ कलाम की 86 वीं जयंती पर इन पोस्टकार्डों में से 214 सर्वश्रेष्ठ पोस्टकार्डों की एक अनोखी किताब ‘ड्रीम नेशन’ नाम से प्रकाशित की गयी है, जिसका आज ऑनलाइन विमोचन पुड्डुचेरी की राज्यपाल किरण बेदी और प्रख्यात क्रिकेटर मिताली राज ने किया। इस पुस्तक की भूमिका बेदी ने लिखी है।

पिछले दो साल से ‘लेटरफार्म्स ’ नामक संस्था पोस्टकार्ड के जरिये डॉ़ कलाम के योगदान को रेखांकित करने के लिए एक अभियान चला रही है, जिसके तहत देश के विभिन्न भागों से हर सप्ताह हजारों पोस्टकार्ड इस स्वयंसेवी संस्था को पहुंच रहे हैं। इन पोस्टकार्डों पर बच्चों, बूढ़ों और महिलाओं से लेकर समाज के सभी आयु वर्गों और धर्मों तथा भाषाओं के लोगों ने डॉ़ कलाम के प्रति अपनी भावनाओं का इजहार किया है।

संस्था के कार्यक्रम निदेशक जुबी जॉन ने बताया कि हिन्दी, अंग्रेजी, मलयालम, उर्दू और पंजाबी समेत कई भाषाओं में लोगों ने डॉ़ कलाम के सपनों का भारत बनाने के लिए पोस्टकार्ड पर अपनी भावनाओं को सृजनात्मक तरीके से व्यक्त किया है। इन एक लाख से अधिक पोस्टकार्डों में से 214 पोस्टकार्डों का चयन कर उन्हें ‘ड्रीम नेशन’ नामक पुस्तक रूप में प्रकाशित किया गया है।

इस किताब के चार अध्याय हैं, जिनमें सबको शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण, बाल मजदूरी, स्वच्छ भारत, सकल घरेलू उत्पाद, नदियों को जोड़ने और बेघरों को घर देने जैसे विषयों पर लोगों ने अपनी भावनाओं को चित्रों और सूक्तियों के जरिये व्यक्त किया है। किताब में डॉ़ कलाम की मशहूर सूक्तियों को भी थीम बनाया गया है, जिनमें ये सूक्तियां शामिल हैं-‘ आप तब तक सपने देखें, जब तक आपके सपने पूरे नहीं हो जाते, सपना वह नहीं है, जो आप नींद में देखते हैं बल्कि सपना वह है, जो आपको सोने नहीं देता है, सपना विचारों में तब्दील होता है और विचार कार्य में तब्दील होते हैं।

इस पुस्तक का अंतिम अध्याय ‘सपनों की उड़ान’ है, जिसमें डॉ़ कलाम की यह उक्ति भी अंकित है- बड़े सपने देखने वालों के बड़े सपने पूरे हो जाते हैं।
जॉन ने बताया कि उनकी संस्था ने पिछले साल डॉ़ कलाम की पहली पुण्यतिथि पर 27 जुलाई को डियर कलाम नामक पुस्तक प्रकाशित की थी, जिसे जाने- माने अंग्रेजी लेखक डॉ़ शशि थरूर और उद्यमी नारायणमूर्ति ने लांच किया था।

उन्होंने बताया कि पोस्ट बॉक्स नम्बर 1683 , डियर कलाम केयर ऑफ लेटरफार्म्स नामक पते कोई भी व्यक्ति पोस्टकार्ड भेजकर डॉ़ कलाम के प्रति अपनी भावनाओं का इजहार कर सकता है और इस तरह उनके नये भारत के सपनों को पूरा करने में अपनी भूमिका निभा सकता है।


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