कैलाश विजयवर्गीय की खरी-खरी, अफसरों की ज्यादा मालिश मत करो
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय अपने बयानों के कारण हमेशा चर्चा में रहते हैं और एक बार फिर सुर्खियों में है

इंदौर। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय अपने बयानों के कारण हमेशा चर्चा में रहते हैं और एक बार फिर सुर्खियों में है। उन्होंने इंदौर में सफाई मित्रों के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में अफसरों को आड़े हाथों लिया और कहा कि अफसरों की ज्यादा मालिश मत करो।
इंदौर को लगातार छठी बार सफाई के मामले में सिरमौर बनने का मौका मिला है इसके मद्देनजर सफाई मित्रों को सम्मानित करने के लिए ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में एक समारोह का आयोजन किया गय। इस मौके पर विजयवर्गीय ने कहा कि कुछ बात कहना चाहता हूं हो सकता है मेरी बात कड़वी लग जाए लेकिन कहना जरूरी है, बीच-बीच में कड़वी बात करते रहना चाहिए। यहां पत्रकार बंधु बैठे हुए हैं अधिकारी बैठे हुए हैं और जनता मौजूद है।
उन्होंने आगे कहा कि इंदौर की सफाई के लिए सबसे ज्यादा जवाबदार हैं तो यहां के सफाई कर्मचारी, दूसरा नंबर जाता है इंदौर की जनता को क्योंकि यहां की जनता संस्कारवान है, यह संस्कार हमारे पहले वाली पीढ़ी ने डाले हैं। इंदौर की जनता को श्रेय नहीं दोगे अधिकारियों को श्रेय दोगे इसलिए कड़वी बात बोल रहा हूं।
अपनी कड़वी बात बोलने से पहले विजयवर्गीय ने कहा कि मेरे अलावा किसी में ताकत भी नहीं है कि कोई बोल दे, ज्यादा अधिकारियों की मालिश मत किया करो इस इंदौर को अगर नंबर वन बनाया है तो इंदौर की जनता ने, आप जनता को श्रेय नहीं, अधिकारियों को श्रेय देते हो, अगर इंदौर को नंबर वन है तो इंदौर की जनता के कारण हैं और उनका सम्मान कीजिए।
विजयवर्गीय ने इंदौर के कलेक्टर का नाम लिए बगैर तंज कसते हुए कहा कि अगर अधिकारियों में ही दम होता तो यहां के कलेक्टर उज्जैन गए थे यह उज्जैन को फस्र्ट बना पाए क्या? अगर इंदौर फस्र्ट है तो यहां की जनता के कारण है उसका सम्मान करिए।
विजयवर्गीय ने उम्मीद जताई कि सफाई के मामले में तो यह छक्का मारा है आगे भी यह सिलसिला चलता रहेगा, अगर किसी को मेरी बात का बुरा लगा हो तो मैं उसकी चिंता नहीं करता, लेकिन मेरी बात का किसी को बुरा लगा हो तो माफी चाहता हूं।


