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बनते ही टूट गया एनीकट, मरम्मत नहीं होने से किसान परेशान

कोण्डागांव ! कोण्डागांव जिला के तहसील फरसगांव के अंतर्गत आने वाले ग्राम कबोंगा एवं ग्राम हाथीपखना के बीच बहने वाली भंवरडीग नदी में सिंचाई विभाग

बनते ही टूट गया एनीकट, मरम्मत नहीं होने से किसान परेशान
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सिंचाई विभाग द्वारा बनाए गए घटिया एनिकट का मामला
खबर प्रकाशन के बाद हुए थे ई व एसई निलंबित

एनिकट को पुन: बनाने का निर्देश, अब तक नहीं हुआ निर्देश का पालन
कोण्डागांव ! कोण्डागांव जिला के तहसील फरसगांव के अंतर्गत आने वाले ग्राम कबोंगा एवं ग्राम हाथीपखना के बीच बहने वाली भंवरडीग नदी में सिंचाई विभाग कोण्डागांव के द्वारा एक एनिकट का निर्माण उक्त दोनों ग्रामों सहित आसपास के अन्य जागरुक किसानों को खरीफ मौसम के अतिरिक्त अन्य मौसम में भी शाक-सब्जी, धान, मक्का आदि की फसल को लगाया जाता देखकर, किसानों को और भी बेहतर सिंचाई का साधन देने हेतु बनवाया गया था, लेकिन इस क्षेत्र के किसान उक्त एनिकट का लाभ उठा पाते, इससे पूर्व ही यहां निर्मित एनिकट भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ कर एक ही वर्ष में टूट गई और किसानों द्वारा देखा गया उन्नति का सपना चकनाचूर हो गया। वहीं गुणवताविहिन, घटिया निर्माण कर भरपूर भ्रष्टाचार किए जाने के कारण एनिकट के एक वर्ष में ही टूटने के मामले का खबर प्रकाशन के बाद शासन-प्रशासन ने बाकायदा इस मामले को गंभीरता से लिया और उक्त एनिकट निर्माण हेतु जवाबदार सिंचाई विभाग कोण्डागांव के संबंधित ई व एस.ई. को निलंबित करते हुए, ठेकेदार को भी दंडित करते हुए, ठेकेदार को निर्देश दिया गया कि वह अपने खर्च पर एनिकट को पुन: बनाएगा, जिस पर ठेकेदार के द्वारा वर्ष 2016 में एनिकट का निर्माण कराया भी जाना प्रारंभ किया गया, लेकिन इस बार पुन: घटिया निर्माण कराया जाता देख ग्रामीणजनों की शिकायत पर, घटिया निर्माण किए जाने संबंधित समाचार का प्रकाशन किया गया और तब से ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य बंद कर दिया गया जो वर्ष 2017 में अब तक बंद पडा है। और इस तरह नदी में बांध/एनिकट का मरम्मत/निर्माण नहीं होने से ग्राम कबोंगा, हाथीपखना सहित अन्य ग्रामों के वे किसान जो खरीफ मौसम के अतिरिक्त अन्य मौसम में भी शाक-सब्जी, धान, मक्का आदि की फसल लेते हैं वे इस वर्ष पडने वाली रिकार्ड तोड गर्मी से नदी के जल्दी सूख जाने के कारण गर्मी में लगाई फसल के बिना पके ही सुखने लगने से होने वाली हानि को लेकर बेहद चिंतित हैं और यही कारण है कि प्रेस के जिला प्रतिनिधि को मौके पर बुलाकर अपनी सुखती फसल को दिखाते हुए, टूटे हुए एनिकट को पुन: जल्द से जल्द बनाए जाने की मांग को समाचार के माध्यम से शासन-प्रशासन तक पहुंचाने का आग्रह कर रहे हैं। ज्ञात हो कि टूटे हुए एनिकट को लेकर जहां किसान बेहद चिंतत नजर आ रहे हैं, वहीं एनिकट के टूटने की खबर प्रकाशन पर पहले-पहल गंभीरता दिखते हुए जिस शासन-प्रशासन ने उक्त एनिकट निर्माण हेतु जवाबदार सिंचाई विभाग कोण्डागांव के संबंधित ई व एस.ई. को निलंबित करते हुए, ठेकेदार को भी दंडित करते हुए, ठेकेदार को निर्देश दिया था कि वह अपने खर्च पर एनिकट को पुन: बनाएगा, वही शासन-प्रशासन आज पर्यंत टूट एनिकट को पुन: नहीं बनवा पाया है। यह साफ जाहिर करता है कि शासन-प्रशासन किसानों के प्रति कितनी संवेदनशील है।


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