काबुल स्कूल हमला: मरने वालों की संख्या बढ़कर 33 हुई
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में एक स्कूल के पास शनिवार को हुए विस्फोट में मरने वालों की संख्या बढ़कर 33 हो गई है

काबुल। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में एक स्कूल के पास शनिवार को हुए विस्फोट में मरने वालों की संख्या बढ़कर 33 हो गई है। इसकी जानकारी एक अधिकारी ने दी। समाचार एजेंसी डीपीए की रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान के आंतरिक मंत्रालय के प्रवक्ता तारिक अरियान के मुताबिक, इसमें घायल हुए 55 लोगों को कई अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
अरियान ने कहा कि इस घटना का शिकार लगभग सभी नागरिक हुए हैं लेकिन घायलों में अधिकतर छात्राएं हैं।
यह धमाका अफगान राजधानी के एक शिया-हजारा आबादी वाले इलाके के पास बने स्कूल दश्त-ए-बार्ची के पास शाम 4.27 बजे हुआ था।
अरियान ने कहा कि क्षेत्र को पुलिस द्वारा ज्यादा जानकारी दिए बगैर ही क्षेत्र को बंद कर दिया गया है।
अभी तक धमाके की वजह का पता नहीं चल सका है।
इस धमाके की असल वजह का अभी पता नहीं चल पाया है लेकिन कुछ स्थानीय मीडिया के अनुसार यह धमाका रॉकेट की वजह से हुआ, जबकि अन्य रिपोर्ट के मुताबिक यह विस्फोट कार बम के कारण हुआ।
टेलीविजन पर आ रही तस्वीरों में यहां-वहां पड़े स्कूल बैग और जली हुई गाड़ियां और खून से सनी हुई स्कूली किताबें और लोग अपने रिश्तेदारों को ढूंढते नजर आ रहे हैं।
एक गैर-सरकारी संगठन, इमरजेंसी ने ट्वीट किया कि मरने वाले एक इंसान और घायल हुए 26 लोगों को काबुल के अस्पताल लाया गया।
इसमें कहा गया है कि घायलों में अधिकतर 12 से 20 साल की लड़कियां थीं।
आशंका जताई जा रही है कि विस्फोट में मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है। पत्रकार बिलाल सरवरी ने ट्वीट किया कि कम से कम 53 लोग मारे गए हैं और 150 से अधिक घायल हुए हैं।
घटना के बाद, नागरिकों की हत्या की निंदा करने के लिए कई लोगों ने सोशल मीडिया का सहारा लिया।
अभी तक किसी भी समूह ने विस्फोट की जिम्मेदारी नहीं ली है।
तालिबान और इस्लामिक स्टेट दोनों आतंकवादी समूह अफगानिस्तान में सक्रिय हैं।
तालिबान ने घटना में शामिल होने से इनकार किया है। हालांकि, आंतरिक मंत्रालय के प्रवक्ता ने ट्वीट किया कि हमले के पीछे निस्संदेह तालिबान था।
राष्ट्रपति अशरफ गनी ने भी तालिबान को दोषी ठहराया। समूह ने फिर से दिखाया कि यह न केवल शांतिपूर्ण ढंग से संकट को हल करने के लिए अनिच्छुक है, बल्कि शांति प्रक्रिया पूरी तरह से खराब कर देना चाहता है।
अफगान सरकार पिछले साल के सितंबर से तालिबान के साथ शांति वार्ता कर रही है, लेकिन ये ठप हो गई है।
अफगानिस्तान में अमेरिका के राजदूत रॉस विल्सन ने एक ट्वीट में हमले को 'घृणास्पद' बताया।
उन्होंने हमले को 'अक्षम्य' और 'अफगानिस्तान के भविष्य पर हमला' बताया।


