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काबुल: अफगान सांस्कृतिक केंद्र पर आईएस के हमले में 41 की मौत

 अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में स्थित शिया अल्पसंख्यकों के सांस्कृतिक केंद्र में गुरुवार को हुए आत्मघाती विस्फोट में कम से कम 41 लोगों की मौत हो गई और 80 से अधिक घायल हो गए

काबुल:  अफगान सांस्कृतिक केंद्र पर आईएस के हमले में 41 की मौत
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काबुल। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में स्थित शिया अल्पसंख्यकों के सांस्कृतिक केंद्र में गुरुवार को हुए आत्मघाती विस्फोट में कम से कम 41 लोगों की मौत हो गई और 80 से अधिक घायल हो गए। केंद्र में एक मदरसा, एक मस्जिद और एक अफगान समाचार एजेंसी का कार्यालय है। इस्लामिक स्टेट ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।



टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, काबुल के दश्त-ए-बर्ची के तेबयान सामाजिक एवं सांस्कृतिक केंद्र में आत्मघाती विस्फोट सुबह 10.30 के आसपास हुआ।

समाचार एजेंसी ने अपनी वेबसाइट पर बताया कि हमले के समय सांस्कृतिक केंद्र 1979-1989 के दौरान अफगानिस्तान पर सोवियत संघ के कब्जे के बारे में एक संगोष्ठी की मेजबानी कर रहा था।

स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता वाहिद मजरूह ने कहा कि चार महिलाओं और दो बच्चों सहित 41 लोग मारे गए हैं। चर्चा में शामिल कुछ पत्रकार और छात्र भी मारे गए। उन्होंने कहा कि 84 लोग घायल हुए हैं।

काबुल के पुलिस प्रवक्ता बसीर मुजाहिद ने कहा कि आत्मघाती हमले के बाद इमारत के मुख्य प्रवेश द्वार के पास दो और विस्फोट हुए। हालांकि, वारदात में सभी लोग पहले हमले में मारे गए।

उन्होंने कहा कि इमारत के पहली मंजिल पर आतंकवादी ने खुद को उड़ा लिया जहां कार्यक्रम चल रहा था। समाचार एजेंसी का कार्यालय ऊपर की मंजिल पर था।

फर्श पर खून फैल गया था, मृतकों और घायलों के परिजन मलबे से शव उठाते हुए चीख रहे थे। समाचार एजेंसी दफ्तर की सभी खिड़कियां टूट गई थी।

इस्लामिक स्टेट समूह ने अपने प्रोपेगेंडा के केंद्र अमाक पर कहा कि उसने शिया केंद्र को निशाना बनाया क्योंकि इन लोगों को ईरान से समर्थन प्राप्त था।

आतंकवादी समूह ने कहा कि विस्फोट में 100 लोग मारे गए हैं और लगभग 120 घायल हुए हैं।

तालिबान ने पहले ही बयान जारी कर कहा है कि हमले में वह शामिल नहीं है।

अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के प्रवक्ता ने एक बयान जारी कर कहा कि यह हमला मानवता के खिलाफ एक 'अक्षम्य' अपराध है और उन्होंने आतंकवादी समूहों को नष्ट करने का संकल्प लिया।

अमेरिकी राजदूत जॉन आर.बास ने 'नागरिकों पर भयावह और अंधाधुंध हमले' की निंदा की।

पिछले महीने काबुल में निजी टेलीविजन स्टेशन पर भी हमला किया गया था, जिसकी जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली थी।


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