Top
Begin typing your search above and press return to search.

यमुना के संरक्षण के लिए काम करेगा जूना अखाड़ा

पंचदासनाम जूना अखाड़ा, (देश के 13 प्राचीन मान्यता प्राप्त हिंदू मठों में से एक) यमुना नदी के संरक्षण के लिए एक पहल शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार है

यमुना के संरक्षण के लिए काम करेगा जूना अखाड़ा
X

प्रयागराज। पंचदासनाम जूना अखाड़ा, (देश के 13 प्राचीन मान्यता प्राप्त हिंदू मठों में से एक) यमुना नदी के संरक्षण के लिए एक पहल शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार है। जूना अखाड़े ने एक 'कालिंदी उत्सव' आयोजित करने का निर्णय लिया है, जिसके तहत 14 नवंबर को प्रयागराज में करेला बाग और बड़े हनुमान मंदिर के बीच व्यापक नदी तट सफाई अभ्यास और संरक्षण जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (एबीएपी) के महासचिव और जूना अखाड़े के मुख्य संरक्षक महंत हरि गिरी ने कहा, "प्रयासों को धीरे-धीरे राज्य-स्तरीय मिशन तक बढ़ाया जाएगा।"

महंत ने कहा, "यमुना भी एक पवित्र नदी है। इसे यमुना नामक एक हिंदू देवी के रूप में पूजा जाता है, जिसे प्रारंभिक ग्रंथों में यामी के नाम से भी जाना जाता है, जबकि बाद के धार्मिक ग्रंथों में उन्हें कालिंदी कहा गया है। हिंदू शास्त्रों में यमुना सूर्य, सूर्य देवता और संजना, मेघ देवी की बेटी है।"

उन्होंने आगे कहा, "नदी के संरक्षण के लिए यमुना-विशिष्ट पहल करने की आवश्यकता के प्रति लोगों के साथ-साथ सरकारों का ध्यान आकर्षित करने के उद्देश्य से, नदी तट पर सार्वजनिक शौचालय बनाने की मांग भी हमारे द्वारा उठाई जाएगी। हम चाहते हैं, यमुना के संरक्षण के लिए सबसे पहले बुनियादी सुविधाओं का विकास किया जाए।"

उन्होंने कहा कि नदी के किनारे रहने वाले लोगों को तब नदी के संरक्षण की आवश्यकता के बारे में जागरूक किया जाएगा।

अगला कदम संभवत: नदी और उसके किनारों को प्रदूषित करने वाले लोगों पर जुर्माना लगाना व सख्त उपायों को लागू करना हो सकता है।

जूना अखाड़ा (सभी 13 मठों में सबसे बड़ा है) अपने मिशन के हिस्से के रूप में यमुना के किनारे बड़े पैमाने पर पौधरोपण अभियान चलाने की योजना बना रहा है।

महंत ने कहा, "हम नदी किनारे रहने वाले स्थानीय लोगों के साथ-साथ लगाए गए पेड़ों की देखभाल के लिए स्वयंसेवकों को शामिल करेंगे। राज्यभर में हमारे साधु-संत संदेश फैलाने के लिए अपने उपदेशों और प्रवचनों का उपयोग करेंगे।"

इस पहल के तहत घाटों की सफाई के साथ हिंदू कैलेंडर के अनुसार पवित्र 'कार्तिक' महीने के दौरान यमुना तट पर 'दीपदान' कार्यक्रम भी 21 अक्टूबर से 19 नवंबर तक आयोजित किए जाएंगे।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it