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रफायल सौदे में हुआ था भ्रष्टाचार ! , फ्रांस में शुरु हुई जांच

रफायल सौदे में भ्रष्टाचार की आंच एक बार फिर भड़कने लगी है। मोदी सरकार ने उनसठ हजार करोड़ रूपयों में 36 रफायल विमान फ्रांस से खरीदे थे। लेकिन इस खरीद की प्रक्रिया में कई तार ऐसे थे, जिनके सिरे भ्रष्टाचार से जुड़ते थे

रफायल सौदे में हुआ था भ्रष्टाचार ! , फ्रांस में शुरु हुई जांच
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रफायल सौदे में भ्रष्टाचार की आंच एक बार फिर भड़कने लगी है। मोदी सरकार ने उनसठ हजार करोड़ रूपयों में 36 रफायल विमान फ्रांस से खरीदे थे। लेकिन इस खरीद की प्रक्रिया में कई तार ऐसे थे, जिनके सिरे भ्रष्टाचार से जुड़ते थे। विमानों की कीमत से लेकर अनुभवहीन कंपनी को करार में शामिल किए जाने जैसे कई सवाल विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने उठाए थे। पिछले आम चुनावों में रफायल एक बड़ा मुद्दा बना था। लेकिन मोदी सरकार ने तमाम आरोपों को नकार दिया था। धीरे-धीरे ये मुद्दा भाजपा की दूसरी जीत के शोर में दब गया, मगर फ्रांस में एक बार फिर इस सौदे में भ्रष्टाचार की जांच शुरु हो गई है। कांग्रेस ने मोदी सरकार पर जंगी विमान रफायल की खरीद में भ्रष्टाचार के कई आऱोप लगाए। अपने आरोपों के समर्थन में तथ्य और आंकड़े दिए, लेकिन सरकार ने देशप्रेम, देश की सुरक्षा आदि का हवाला देते हुए इन आऱोपों को खारिज कर दिया। अब रफायल सौदे की जांच को लेकर फ्रांस सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। भारत के साथ करीब 59,000 करोड़ रुपये के रफायल सौदे में कथित 'भ्रष्टाचार' की अब फ्रांस में न्यायिक जांच होगी और इसके एक फ्रांसीसी जज को नियुक्त किया गया है। फ्रांसीसी ऑनलाइन जर्नल मीडियापार्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2016 में हुई इस इंटर गवर्नमेंट डील की अत्यधिक संवेदनशील जांच औपचारिक रूप से 14 जून को शुरू की गई थी। शुक्रवार को फ्रांसीसी लोक अभियोजन सेवाओं की वित्तीय अपराध शाखा द्वारा इस बात की पुष्टि की गई। आपको बता दें कि फ्रांसीसी वेबसाइट ने अप्रैल 2021 में रफाएल सौदे में कथित अनियमितताओं पर कई रिपोर्ट्स प्रकाशित कीं थी। उनमें से एक में, मीडियापार्ट ने दावा किया कि फ्रांस की सार्वजनिक अभियोजन सेवाओं की वित्तीय अपराध शाखा के पूर्व प्रमुख, इलियाने हाउलेट ने सहयोगियों की आपत्ति के बावजूद रफायल जेट सौदे में भ्रष्टाचार के कथित सबूतों की जांच को रोक दिया। हाउलेट ने "फ्रांस के हितों, संस्थानों के कामकाज" को संरक्षित करने के नाम पर जांच को रोकने के अपने फैसले को सही ठहराया।
मीडियापार्ट की नई रिपोर्ट में कहा गया है, "अब, पीएनएफ के नए प्रमुख ज्यां-फ्रेंकोइस बोहर्ट ने जांच का समर्थन करने का फैसला किया है। मीडियापार्ट के मुताबिक आपराधिक जांच तीन लोगों के आसपास के सवालों की जांच करेगा। इसमें पूर्व फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद, वर्तमान फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन, और विदेश मंत्री ज्यां-यवेस ले ड्रियन शामिल हैं।
आपको बता दें कि साल 2016 में भारत सरकार ने फ्रांस से 36 रफायल लड़ाकू विमान खरीदने की डील की थी। इनमें से एक दर्जन विमान भारत को मिल भी गए हैं और 2022 तक सभी विमान मिल जाएंगे।
अब देखना होगा कि फ्रांस में शुरु हुई इस जांच से भारतीय राजनीति में कितनी हलचल मचती है।


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