जीआरए में क्यों नहीं नियुक्त हुए न्यायाधीश, कोर्ट ने मांगा जवाब
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने मुख्य सचिव को नोटिस जारी की

भोपाल। सरदार सरोवर के विस्थापित श्री नासरा, भगडिया (ग्राम भिताडा) की केस में जीआरए के आदेश पर पुनर्विचार याचिका मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में दाखिल की गयी।
आज माननीय न्यायाधीश एस.सी. शर्मा और विवेक रुसिया के खंड पीठ के समक्ष इन आदिवासियों के पुनर्वास की जमीन की पात्रता पर जब बहस चली तब विस्थापितों के सवाल पर शिकायत निवारण प्राधिकरण (जीआरए) से ही निर्णय या फैसला देना संभव देते हुए भी उन्हें काफी दिक्कतें झेल कर उच्च नयायालय का सहारा लेना पड़ रहा हैं, यह बात सामने आई।
जीआरए में भूतपूर्व सरकार ने चुनाव के कुछ ही समय पहले बहुत सारे सदस्यों को एवं अध्यक्ष को भी निवृत्त करते हुए मात्र एक या दो न्यायाधीशों की ही नियुक्ति की। लेकिन आज भी जीआरए में 5 न्यायाधीशों के सभी पदों पर नियुक्त न हो पाने से सभी कार्य ठप्प है, मात्र 1 ही न्यायाधीश अभी नियुक्त हैं।
पहाड़ी तथा निमाड़ के किसान, मजदूर जबकि जीआरए से न्याय की अपेक्षा करते हैं तब जीआरए से महीनो बाद की तारीख दी जाती है। इससे हैरान होकर विस्थापितों को बहुत सारी परेशानी झेलनी पड़ रही हैं।
जीआरए में एक ही न्यायाधीश नियुक्त होने से अपीलीय प्राधिकरण में आज तक कोई भी सुनवाई नहीं हो पा रही हैं।
इस बात पर खंडपीठ के समक्ष बहस में विस्थापितों की ओर से अधिवक्ता वैभव आस्वा रहें। बहस के बात दोनों पक्षों की सुनवाई के आधार पर मध्य प्रदेश शासन के मुख्य सचिव को नोटिस जारी करते हुए इस बात पर शपथ पत्र/जवाब माँगा हैं कि आज तक जीआरए के समक्ष कुछ हज़ार प्रकरण प्रलंबित होते हुए भी न्यायाधीशों की नियुक्ति क्यों नही की गयी है एवं अपीलीय प्राधिकरण का गठन क्यों नहीं किया गया हैं। प्रकरण की अगली सुनवाई 10 मई को होने की सम्भावना हैं।


