पाकिस्तान में व्हाट्स एप्प संदेश से जज को जबर्दस्ती मुकदमे की सुनवाई से हटाया
पाकिस्तान में अभिव्यक्ति की आजादी के बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं जबकि सच्चाई यह है कि व्हाट्स एप्प संदेश भेजकर न्यायाधीश को मुकदमे की सुनवाई से जबर्दस्ती हटाने की सूचना दी जाती है।

लाहौर । पाकिस्तान में अभिव्यक्ति की आजादी के बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं जबकि सच्चाई यह है कि व्हाट्स एप्प संदेश भेजकर न्यायाधीश को मुकदमे की सुनवाई से जबर्दस्ती हटाने की सूचना दी जाती है।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश मसूद अर्शद पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल..एन) पंजाब अध्यक्ष राना सनाउल्लाह के खिलाफ मादक पदार्थों की कथित रूप से तस्करी के एक मामले की सुनवाई कर रहे थे। उन्हें इस मामले की सुनवाई करने से रोक दिया और लाहौर उच्च न्यायालय में वापस भेज दिया गया है।
लाहौर उच्च न्यायालय ने न्यायाधीश अर्शद को वापस भेजने के बारे में कोई अधिसूचना भी जारी नहीं की। पाकिस्तानी मीडिया में विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से रिपोर्टों में कहा गया कि सामान्य तौर पर न्यायाधीश की सेवा में बदलाव के लिए लाहौर उच्च न्यायालय अधिसूचना जारी करता है किंतु इस मामले में कोई अधिसूचना जारी नहीं की गई।
यह मामला बुधवार का है। सनाउल्लाह के खिलाफ मुकदमे की सुचारू रूप से चल रही सुनवाई ने बुधवार को उस समय नया मोड़ ले लिया जब न्यायाधीश अर्शद ने कार्यवाही शुरू की और बचाव पक्ष के वकील ने सनाउल्लाह की जमानत याचिका पर अपनी दलील रखी।


