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नीट यूजी के 67 परफेक्ट स्कोरर पर बोले जेपी नड्डा - 'देशभर से हैं ये होनहार'

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने शुक्रवार को नीट यूजी के 67 परफेक्ट स्कोरर को लेकर राज्यसभा में अपनी बात रखी है

नीट यूजी के 67 परफेक्ट स्कोरर पर बोले जेपी नड्डा - देशभर से हैं ये होनहार
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नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने शुक्रवार को नीट यूजी के 67 परफेक्ट स्कोरर को लेकर राज्यसभा में अपनी बात रखी है। उन्होंने बताया कि परफेक्ट स्कोरर किसी एक राज्य या क्षेत्र से नहीं, बल्कि देश के अलग-अलग हिस्सों से आए हैं। नीट यूजी के जो 67 परफेक्ट स्कोरर हैं, वे केरल से भी आते हैं, उत्तर प्रदेश से भी, राजस्थान, बिहार, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, बंगाल, चंडीगढ़, पंजाब और दिल्ली से भी आते हैं।

दरअसल, यह पहली बार है, जब नीट में 67 छात्रों ने परफेक्ट स्कोर किया है। इतनी बड़ी संख्या में परफेक्ट स्कोर किए जाने को लेकर विपक्ष ने आशंका जताई थी। इससे पहले विपक्ष के कई सांसदों ने राज्यसभा में नीट तंत्र की आलोचना की। विपक्ष के कई सांसदों ने इस परीक्षा का विरोध किया और इसे राज्यों के अधिकारों के हनन के तौर पर भी जाहिर किया।

वहीं, स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हम हमेशा अपने कंफर्ट जोन में चले जाते हैं। हमें लगने लगता है कि जैसे हैं, वैसे ही रहते तो अच्छा रहता। लेकिन, हम मोदी जी के राज में हैं, रिफॉर्म, ट्रांसफॉर्म एंड परफॉर्म हमारा लक्ष्य है, इसलिए हम रिफॉर्म ला रहे हैं। यह रिफॉर्म किसी व्यक्ति के लिए नहीं, पूरे समाज के लिए, पूरे देश के लिए है। आज हमारा बच्चा साउथ में दौड़कर, कोई कैपिटेशन फीस देकर पढ़ने नहीं जा रहा। आज सारी की सारी काउंसलिंग 'डायरेक्टर जनरल फॉर हेल्थ सर्विसेज' के माध्यम से होती है। हम तय करते हैं कि गरीब का बच्चा किस सीट पर जाकर कहां पढे़गा।

नीट में खामियों के मुद्दे उठाए जाने पर जेपी नड्डा ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री होने के नाते मैं यह जरूर कहना चाहूंगा कि शरीर के अंदर कई किस्म की बीमारियां लगती रहती हैं। इसके लिए हम कई प्रकार की दवाइयां ले लेते हैं। कभी एंटीबायोटिक ले लेते हैं, इंजेक्शन ले लेते हैं, कभी छोटा सा ऑपरेशन कर लेते हैं। लेकिन, बीमारी के कारण शरीर नहीं मारा जाता। एनटीए के माध्यम से कुछ चीज आई, सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा। नीट के माध्यम से चलने वाला यह बहुत ही बड़ा और रोबस्ट सिस्टम है।

उन्होंने कहा कि हमारी यह मानसिकता बन गई है कि अपने कार्यों को हम सेकंड ग्रेड मानने लगते हैं। लेकिन, अगर अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया या कोई अन्य देश कर दे तो हम उसे बेस्ट ग्रेड समझते हैं। मैं पूरे दावे के साथ कहना चाहता हूं कि भारत के अंदर जितने भी सिस्टम हैं, बड़े ही रोबस्ट सिस्टम हैं। 140 करोड़ की जनता को सिस्टमैटिकली चलाना कोई आसान काम नहीं है। मुझे कोई देश बता दीजिए, जहां 70 प्रतिशत से ज्यादा वैक्सीनेशन हुआ हो। यह भारत देश है, जहां 220 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन लगाई गई। इसी तरह से हम नीट को अंडरमाइन नहीं करें, यह एक बड़ा रोबस्ट सिस्टम है, अच्छा सिस्टम है। गांव के लोगों को मेडिकल सिस्टम में लाने का एक बड़ा माध्यम है।

उन्होंने कहा कि जब हम इस रोबस्ट सिस्टम पर चर्चा करें तो जो इसकी बेसिक और बुनियादी स्पिरिट है, उसे डैमेज नहीं पहुंचाएं। नेशनल एलिजिबिलिटी एंट्रेंस टेस्ट (नीट) प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में 2018-19 में आया। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात का गौरव है कि वे उस समय बतौर स्वास्थ्य मंत्री इस विभाग को देख रहे थे। नीट से एमबीबीएस जैसे मेडिकल पाठ्यक्रमों में दाखिला होता है। नीट को लेकर राज्यसभा में शुक्रवार को विशेष चर्चा हुई।

राज्यसभा सांसद मोहम्मद अब्दुल्ला नीट पर प्राइवेट मेंबर बिल लेकर आए, जिस पर यह चर्चा हुई।


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