पत्रकारों को मिले बीमा,पेंशन की सुविधा : चौधरी
चौधरी ने मंगलवार को प्रेषित पत्र में कहा कि कोरोना हमले के इस दुष्काल में भी पत्रकार अग्रिम मोर्चे पर जूझ रहा है।

लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिख कर पत्रकारों को कोरोना संक्रमण से बचाव के उपकरण मुहैया कराने के अलावा बीमा और पेंशन की व्यवस्था करने की अपील की है।
चौधरी ने मंगलवार को प्रेषित पत्र में कहा कि कोरोना हमले के इस दुष्काल में भी पत्रकार अग्रिम मोर्चे पर जूझ रहा है। राजधानी, महानगरों, नगरों तक ही नहीं बल्कि कस्बा, चट्टी और गाॅवों में भी एक कलम, एक मोबाइल और एक कैमरा के भरोसे पत्रकार हर मोर्चे पर डटा दिखाई देता है। इस दुष्काल में डाॅक्टर, स्वास्थ्य कर्मी,सफाई कर्मियों और पुलिस बलों की तरह पत्रकार भी आसानी से कोरोना के शिकार हो सकते हैं।
उन्होने कहा कि हाल में मुम्बई में 53 पत्रकार संक्रमित पाए गये हैं। बलिया और बाॅसडीह क्षेत्र के पत्रकारों को मास्क, हैण्ड सेनिटाइजर्स, साबुन आदि सामान के लिए मैंने अपनी विधायक निधि से एक लाख रूपया स्वीकृत किये हैं। मुख्य विकास अधिकारी ने हालांकि विकास निधि की गाइड लाइन का हवाला देकर इसे असम्भव बताया जिसके बाद मैंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर गाइड लाइन में सुधार की अपील की लेकिन यह संभव नहीं हो सका।
प्रधानमंत्री से अपील करते हुये उन्होने लिखा कि मास्क, हैण्ड सेनेटाइजर्स और साबुन आदि जैसे बचाव के जरूरी सामान पत्रकारों को उपलब्ध कराने के लिए विकास निधि की गाइड लाइन में राष्ट्रीय स्तर पर सुधार कराने की कृृपा करें, ताकि इसका बलिया समेत देश के सभी पत्रकारों को मिल सके। इस नेक काज में देश के सभी जनप्रतिनिधि सहयोग करे।
उन्होने कहा कि यह भी आग्रह है कि सभी पत्रकारों को कम से कम पचास लाख के बीमा कवर दिया जाये और कोरोना महामारी के नाम पर इनकी छटनी न की जाये, इनका वेतन भुगतान समय से हो।
समाचार संकलन के दौरान निधन होने पर उनके परिजनों को कम से कम 25 लाख रूपये विशेष सहायता के रूप में तत्काल दिया जाये।
श्री चौधरी ने कहा कि पत्रकारों को देश का चौथा स्तम्भ कहा जाता है। देश के तीनों स्तम्भ कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका को पेंशन मिलती है। इसी तरह पत्रकारिता धर्म का निर्वहन कर रहे साथियों के लिए भी पेंशन की व्यवस्था की जाए, ताकि ये लोग अपने दायित्व का निर्वहन और अधिक जिम्मेदारी के बोध के साथ कर सकें।


