Top
Begin typing your search above and press return to search.

दक्षिणपंथियों की आलोचक रही वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या

दाभोलकर, पंसारे, कलबुर्गी की हत्या के बाद गौरी लंकेश की हत्या साबित करती है कि देश में लोकतांत्रिक आवाजों के लिए जगह नहीं

दक्षिणपंथियों की आलोचक रही वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या
X

दाभोलकर, पंसारे, कलबुर्गी की हत्या के बाद ये हत्या साबित करती है कि देश में लोकतांत्रिक आवाजों के लिए जगह नहीं - रिहाई मंच

वरिष्ठ पत्रकार और दक्षिणपंथियों की आलोचक रही गौरी लंकेश की मंगलवार शाम बेंगलुरु में गोली मारकर हत्या कर दी गई।

गौरी ने लंकेश पत्रिका के जरिए 'कम्युनल हार्मनी फोरम' को काफी बढ़ावा दिया। लंकेश पत्रिका को उनके पिता ने 40 साल पहले शुरू किया था और इन दिनों वो इसका संचालन कर रही थीं।

बीबीसी की खबर के मुताबिक बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर सुनील कुमार ने बताया,

''मंगलवार शाम गौरी जब अपने घर लौट रही थीं, तब उनके घर के बाहर ये हमला हुआ. ये हमला किस वजह से किया गया, इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता।''

बीबीसी की खबर के मुताबिक नाम ज़ाहिर नहीं करने की शर्त पर पुलिस अधिकारियों ने बताया,

''गौरी जब राज राजेश्वरी नगर में अपने घर लौटकर दरवाज़ा खोल रही थीं, तब हमलावरों ने उनके सीने पर दो और सिर पर एक गोली मारी।''

रिहाई मंच ने कहा है कि साम्प्रदायिकता के खिलाफ संघर्ष करने वाली बैंगलोर की वरिष्ठ एक्टिविस्ट जर्नलिस्ट गौरी लंकेश की गोली मारकर की गई हत्या ने साफ कर दिया है कि अपने राजनीतिक और वैचारिक विरोधियों की हत्या कर बीजेपी उनकी आवाज़ को खत्म कर देना चाहती है.

रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने कहा कि गौरी लंकेश ने पहले भी अपनी जान के खतरे को लेकर आशंका व्यक्त की थी। बीजेपी एमपी प्रह्लाद जोशी ने पहले भी इनके खिलाफ मुकदमा किया था।

श्री यादव ने कहा कि दाभोलकर, पंसारे, कलबुर्गी की हत्या के बाद ये हत्या साबित करती है कि देश में लोकतांत्रिक आवाजों के लिए जगह नहीं है। रिहाई मंच हत्या कड़ी भर्त्सना करता हैं।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि

“एक रेशनलिस्ट गौरी को गोलियों से खामोश करा दिया गया। उनकी हत्या का मुख्य कारण उन लोगों की आवाज़ खामोश करा देना है जो विरोधी विचार रखते हैं।“


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it