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संयुक्त कमांडर सम्मेलन में थिएटर कमांड, आत्मनिर्भरता और खतरों से निपटने पर होगा फोकस

संयुक्त कमांडरों के तीन दिवसीय सम्मेलन के दौरान रक्षा क्षेत्र में थिएटर कमांड, आत्मनिर्भरता और क्षेत्र में बढ़ता खतरा प्रमुख फोकस क्षेत्र होंगे

संयुक्त कमांडर सम्मेलन में थिएटर कमांड, आत्मनिर्भरता और खतरों से निपटने पर होगा फोकस
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नई दिल्ली। संयुक्त कमांडरों के तीन दिवसीय सम्मेलन के दौरान रक्षा क्षेत्र में थिएटर कमांड, आत्मनिर्भरता और क्षेत्र में बढ़ता खतरा प्रमुख फोकस क्षेत्र होंगे। यह भी उम्मीद है कि इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सेना को रणनीतिक मार्गदर्शन देंगे। संयुक्त कमांडरों का सम्मेलन 2021 गुजरात के केवडिया में 4 मार्च से 6 मार्च तक आयोजित किया जाएगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 5 मार्च को भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना के शीर्ष कमांडरों को संबोधित करेंगे, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें 6 मार्च को संबोधित करेंगे।

सरकार के एक सूत्र ने कहा, "सम्मेलन के दौरान एक नई वायु रक्षा कमान और समुद्री कमान की स्थापना पर चर्चा की जाएगी। वायु रक्षा कमान के कार्यान्वयन और समयसीमा पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा।"

फोकस क्षेत्रों में सेना के लिए थिएटर कमांड का गठन भी शामिल है। थिएटर कमांड्स के गठन से युद्ध और शांति के दौरान तीनों सेनाओं की क्षमताओं और युद्ध क्षमता का तालमेल सुनिश्चत होगा। वायु रक्षा कमान और समुद्री कमान भारतीय सशस्त्र बलों की उस योजना का हिस्सा है, जिसकी घोषणा चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने पिछले साल की थी।

नव निर्मित सैन्य विभाग पिछले एक साल से थिएटर कमांड के साथ संयुक्त सैन्य कमांड के निर्माण की दिशा में काम कर रहा है।

रक्षा मंत्रालय में सचिव अपने संबंधित विंग के बारे में प्रस्तुतियां देंगे। सूत्रों ने कहा, "रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता भी सम्मेलन का फोकस होगी।"

मोदी राष्ट्रीय और आंतरिक सुरक्षा को प्रभावित करने वाले क्षेत्र में विकसित सुरक्षा पर चर्चा करेंगे। प्रधानमंत्री सशस्त्र बलों को रणनीतिक मार्गदर्शन भी देंगे।

भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास पिछले 10 महीने से गतिरोध कायम है। पिछले साल मई की शुरूआत में चीनी घुसपैठ बढ़ने के बाद से दोनों देशों की सेना पूर्वी लद्दाख में कई स्थानों पर आमने-सामने रही हैं, जिस दौरान उनके बीच हिंसक झड़प भी हो चुकी है।

वहीं पश्चिमी मोर्चे पर पाकिस्तान जम्मू एवं कश्मीर में अशांति पैदा करने के लिए आतंकवादियों को धकेलने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है।

एक ही समय में चीन और पाकिस्तान के साथ विवादित सीमाओं पर गतिरोध तेज होने के कारण भारतीय सशस्त्र बलों के लिए और अधिक सक्रिय रहना महत्वपूर्ण हो गया है।

सूत्र ने कहा कि इस सम्मेलन के दौरान इस तरह के सभी मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।


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