जोगी : ज्वालामुखी पर बैठा छत्तीसगढ़ का किसान
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जोगी) के संस्थापक अजीत जोगी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह को पत्र लिखकर छत्तीसगढ़ के किसानों का दर्द बयान किया है

रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जोगी) के संस्थापक अजीत जोगी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह को पत्र लिखकर छत्तीसगढ़ के किसानों का दर्द बयान किया है। पत्र में जोगी ने भाजपा के छत्तीसगढ़ 2013 के घोषणा पत्र की ओर उनका ध्यान आकृष्ट किया है। साथ ही लिखा है कि छत्तीसगढ़ का किसान भी ज्वालामुखी पर बैठा है और उसका क्रोध कब दावानल बनकर बाहर निकलेगा, यह कहना मुश्किल है।
छतीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री ने अमित शाह को भेजे पत्र में कहा, "आपके तीन दिवसीय छत्तीसगढ़ के भ्रमण के दौरान यहां के ढाई करोड़ से अधिक लोगों की आशाएं और आकांक्षाएं बहुत बढ़ गई हैं। मुझे आशा ही नहीं पूरा विश्वास है कि आपके इस भ्रमण से हम छत्तीसगढ़वासियों को पूरा लाभ मिलेगा। मैं आपका ध्यान छत्तीसगढ़ 2013 के भाजपा के घोषणापत्र की ओर आकर्षित करना चाहता हूं।"
उन्होंने कहा, "मैं घोषणापत्र के अंदर जो बड़े-बड़े वायदे किए गए हैं, उनकी ओर आपका ध्यान आकर्षित न करके केवल उन घोषणाओं की ओर ले जाना चाहता हूं, जो आपके इस घोषणापत्र के मुख्य पृष्ठ पर ही लिखे गए हैं। इन 15 वायदों में अधिकांश का पालन नहीं हुआ है। किंतु, मैं इनमें से केवल कुछ प्रमुख आश्वासनों को पूरा करने के लिए आपके द्वारा पहल किए जाने की मांग करता हूं।"
जोगी ने कहा, "मुख्य पृष्ठ पर उल्लेखित निम्नलिखित वायदों को मैं सबसे महत्वपूर्ण मानता हूं। यदि यह वायदे पूर्ण हो जाते हैं तो छत्तीसगढ़वासी आपके प्रति सदैव अनुग्रहित रहेंगे। मैं इनका उल्लेख निम्नानुसार कर रहा हूं ; 2100 रुपये धान का समर्थन मूल्य, 300 रुपये प्रति क्विंटल प्रतिवर्ष बोनस, निराश्रित पेंशन दो गुना किया जाना, मेट्रो और मोनो रेल योजना, छत्तीसगढ़ फिल्म विकास निगम का गठन, शिक्षित बेरोजगारों को तीन प्रतिशत ब्याज पर ऋण।"
उन्होंने कहा, "आज देश में सबसे खराब हालत किसानों की है और वे उद्वेलित होकर प्रदर्शन कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ का किसान भी ज्वालामुखी पर बैठा है और उसका क्रोध कब दावानल बनकर बाहर निकलेगा, यह कहना मुश्किल है। वैसे भी छत्तीसगढ़ के 20 लाख बेरोजगार युवक इधर उधर घूम रहे हैं और हमारी राज्य सरकार उनको छोड़कर बाहर से 'आउटसोर्सिग' करके गणित, विज्ञान और अंग्रेजी के शिक्षक और नर्सो को रोजगार दे रही है। आपसे निवेदन है कि वापस लौटने के बाद इन वायदों को पूरा किए जाने का निर्देश अवश्य दें।"


