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जोधपुर: सीधा मुकाबला में भाजपा और कांग्रेस का प्रतिष्ठा दांव पर

जोधपुर शहर विधानसभा क्षेत्र में इस बार भाजपा और कांग्रेस में सीधा मुकाबला होने की संभावना हैं जहां सात निर्दलीय सहित कुल सोलह प्रत्याशी चुनाव मैदान में अपना भाग्य आजमा रहे हैं

जोधपुर: सीधा मुकाबला में भाजपा और कांग्रेस का प्रतिष्ठा दांव पर
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जोधपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव में दो बार मुख्यमंत्री रह चुके अशोक गहलोत के गृह जिले जोधपुर में सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपनी चुनावी प्रतिष्ठा बरकरार रखने के लिए मौजूदा आठ विधायकों को फिर चुनाव मैदान में उतारा हैं वहीं कांग्रेस ने फिर से प्रतिष्ठा कायम करने के लिए पूर्व मंत्रियों के बेटे बेटियों सहित नये चेहरों काे भी मौका दिया हैं जहां पांच सीटों में सीधा जबकि इतनी सीटों पर त्रिकोणात्मक मुकाबला होने के आसार हैं।

भाजपा ने जिले में मोदी लहर के चलते पिछली बार दस में से नौ सीटे जीतकर कांग्रेस के गढ़ माने जाने वाले जिले में अपना राजनीतिक प्रभुत्व कायम किया था और इसे बचाने के लिए इस बार चुनाव में जोधपुर शहर से मौजूदा विधायक कैलाश भंसाली को छोड़कर शेष आठों विधायकों पर फिर भरोसा जताया हैं।

हालांकि शहर से भंसाली की जगह उनके भतीजे अतुल भंसाली को मौका दिया गया हैं।
भाजपा ने गहलोत की परम्परागत सीट पर उन्हें पटखनी देने के लिए पिछले चुनाव में उनसे 18478 मतों से हारे शंभू सिंह खेतासर को फिर चुनाव मैदान में उतारा हैं जहां भाजपा और कांग्रेस में सीधी टक्कर मानी जा रही है लेकिन इस बार भी कड़ी टक्कर होने के आसार कम नजर आ रहे हैं। खेतासर वर्ष 2008 में ओसियां विधानसभा क्षेत्र से महिपाल मदेरणा से भी चार हजार से अधिक मतों से चुनाव हार चुके हैं।

गहलोत ने सरदारपुरा से 1999 से लगातार चार चुनाव जीत चुके हैं और माली बहुल क्षेत्र में उनका राजनीतिक प्रभुत्व काफी मजबूत बन गया हैं। सरदारपुरा कांग्रेस का गढ़ माना जा रहा हैं और यहां से कांग्रेस ने अब तक दस बार जीत दर्ज की हैं जबकि भाजपा ने दो बार चुनाव जीता हैं।

भाजपा के राजेन्द्र गहलोत ने 1990 में यहां से भाजपा के लिए खाता खोला और इसका अगला चुनाव भी जीता। सरदारपुरा से कुल सत्रह उम्मीदवार चुनाव मैदान में अपना भाग्य आजमा रहे हैं।

सरदारपुरा सीट पर पहला चुनाव वर्ष 1952 पूर्व महाराजा हनवंत सिंह ने निर्दलीय उम्मीदवार के रुप में जीता और उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री जयनारायण व्यास को हराया था। यहां से कम्युनिस्ट प्रत्याशी हरी किशन व्यास ने हनुवंत सिंह की मौत के बाद हुआ उपचुनाव जीता।

इसके अलावा जनसंघ, जनता पार्टी ने भी चुनाव जीता। जोधपुर शहर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा ने मौजूदा विधायक कैलाश भंसाली के भतीजे अतुल भंसाली को चुनाव मैदान में उतारा हैं जबकि कांग्रेस ने महिला जिला कांग्रेस अध्यक्ष मनीषा पंवार पर चुनावी दांव खेला हैं।


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