स्टेट बैंक में नौकरी लगाने धोखाधड़ी
स्टेट बैंक में नौकरी लगवाने का झांसा देकर तीन अलग-अलग लोगों ने लगभग डेढ़ लाख रूपए की ठगी के आरोपी को गिरफ्तार कर जेल दाखिल करा दिया गया है

कोरबा-दर्री। स्टेट बैंक में नौकरी लगवाने का झांसा देकर तीन अलग-अलग लोगों ने लगभग डेढ़ लाख रूपए की ठगी के आरोपी को गिरफ्तार कर जेल दाखिल करा दिया गया है।
जानकारी के अनुसार ठगी की इस वारदात को मानिकपुर पुलिस चौकी अंतर्गत मुड़ापार निवासी भोलाशंकर दास पिता तालम दास महंत 35 वर्ष ने अंजाम दिया था। बताया गया कि सिंचाई कालोनी दर्री के आवास क्रमांक-2/19 का निवासी संजय वर्मा पिता कुंज बिहारी 27 वर्ष, वर्ष 2015 में आईआईटी की परीक्षा दिलाने हैदराबाद गया था।
हैदराबाद में उसकी मुलाकात भोलाशंकर दास से हुई और दोनों एक ही कमरा किराये में लेकर साथ रहे। इस दौरान भोलाशंकर ने संजय वर्मा को बताया था कि उसकी बुआ का लड़का रायपुर में रहकर पत्रकारिता करता है और कुछ लोगों को स्टेट बैंक में नौकरी भी लगवाई है।
संजय को कुछ खर्च लेकर नौकरी लगवा देने की बात कही। इसके बाद संजय अपने घर लौटा और पिता कुंजबिहारी को भोलाशंकर की बातें बताई। कोरबा का निवासी होने से कुंज बिहारी ने भोलाशंकर को बातचीत के लिए अपने घर बुलाया। 10 जुलाई 2015 को संजय वर्मा ने फोन कर भोला को अपने घर बुलाया। यहां भोला ने रोजगार कार्यालय के लिए 10 हजार रूपए नगद लिया और इसके बाद किश्तों में 48580 रूपए लिया।
14 दिसंबर 2015 को खाते में 10-10 हजार रूपए दो किश्त में डलवाया। 78 हजार रूपए से अधिक रकम देने के बाद ढाई साल बीत गए, फिर भी न तो स्टेट बैंक में संजय की नौकरी लगी और न ही भोलाशंकर ने रूपए वापस किए।
संजय के पिता ने ठगी का अहसास होने पर लोक सुराज अभियान शिविर व दर्री थाना में लिखित शिकायत दर्ज कराई।
इस बीच ज्ञात हुआ कि कुंज बिहारी के रिश्तेदार रामचरण कश्यप एवं बिशुन कश्यप से भी भोलाशंकर ने स्टेट बैंक की नौकरी लगवाने के नाम पर करीब 80 हजार रूपए ठगा है। कुंजबिहारी वर्मा पिता सुनाराम की रिपोर्ट पर पुलिस ने जांच कर धारा 420 भादवि के तहत जुर्म दर्ज करते हुए आरोपी भोलाशंकर को गिरफ्तार कर जेल दाखिल
कराया है।


