जेएनयू छात्रों का संसद तक मार्च, पुलिस ने किया लाठीचार्ज
जेएनयू के छात्र और प्रोफेसर अपनी कई मांगों को लेकर संसद तक शांतिपूर्ण मार्च निकाल रहे थे, लेकिन आधे रास्ते में ही पुलिस ने उन्हें रोक लिया।

नई दिल्ली। जेएनयू के छात्र और प्रोफेसर अपनी कई मांगों को लेकर संसद तक शांतिपूर्ण मार्च निकाल रहे थे, लेकिन आधे रास्ते में ही पुलिस ने उन्हें रोक लिया। बताया जा रहा है कि इस दौरान पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज भी किया।
छात्रों पर बर्बरता की कुछ तस्वीरें भी सामने आई है, जिसने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं। कहा जा रहा है कि इस दौरान कुछ महिला पत्रकारों से भी बदसलुकी की गई है। वहीं इस मामले में कांग्रेस ने गृह मंत्रालय से हस्तक्षेप की मांग की है।
पुलिस की बर्बरता की ये तस्वीरें हैं दिल्ली के आईएनए इलाके की। जहां शांतिपूर्ण तरीके से संसद तक मार्च निकाल रहे जेएनयू छात्रों और महिला पत्रकारों पर पुलिस कर्मी थप्पड़ बरसा रहे हैं, पानी की बौछार की जा रही है.. इन्हें आगे बढ़ने से रोकने के लिए लाठियां भांजी जा रही है। दरअसल, ये छात्र और प्रोफेसर यूनिवर्सिटी में 75 फीसदी उपस्थिति अनिवार्यता के विरोध, छेड़छाड़ के आरोपी प्रोफेसर अतुल जौहरी के खिलाफ कार्रवाई समेत अन्य मांगों को लेकर संसद तक मार्च निकाल रहे थे. इसी दौरान जैसे ही ये प्रदर्शनकारी आईएनए के पास पहुंचे, पुलिस ने उन्हें रोक लिया। लेकिन जब प्रदर्शनकारी नहीं रुके तो पुलिस ने बिना किसी उकसावे के उनकर लाठियां भांजनी शुरू कर दी। इतना ही नहीं छात्रों को रोकने के लिए उनपर पानी की बौछार भी की गई।
कहा जा रहा है कि इस दौरान कुछ महिला पत्रकारों से भी बदसलुकी हुई। इसकी कुछ तस्वीरें भी सामने आई है, जिसमें महिला पत्रकार बार बार यह कह रही है वो घटना कवर करने आई हैं, लेकिन पुलिसकर्मी न आव देख रहे हैं न ताव। जो भी उनके सामने आ रहा है। उसपर थप्पड़ और घूसों की बरसात कर रहे हैं। हालांकि महिला पत्रकारों से अभद्रता की घटना पर अब पुलिस ने माफी मांग ली है, लेकिन छात्रों से बर्बरता मामले पर पुलिस ने छात्रों के आरोपों को खारिज कर दिया है।
नयी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त मधुर वर्मा ने कहा है कि छात्रों ने पुलिस के साथ मारपीट की थी जिसे रोकने के लिए यह कदम उठाना पड़ा। वहीं इस पूरे मामले पर अब सियासत भी शुरू हो गई है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा है कि दिल्ली पुलिस का यह व्यवहार बिल्कुल निंदनीय है. गृहमंत्री राजनाथ सिंह जी,इस मामले में हस्तक्षेप करें और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करें..


