एएमयू परिसर में मौजूद जिन्ना की तस्वीर कोई मुद्दा नहीं: तारिक मंसूर
अमुवि के कुलपति तारिक मंसूर ने कहा कि जिन्ना की तस्वीर तो बंबई उच्च न्यायालय और साबरमती आश्रम में भी मौजूद है।

नई दिल्ली। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (अमुवि) के कुलपति तारिक मंसूर ने बुधवार को कहा कि परिसर में मौजूद जिन्ना की तस्वीर कोई मुद्दा नहीं है। उन्होंने कहा कि जिन्ना की तस्वीर तो बंबई उच्च न्यायालय और साबरमती आश्रम में भी मौजूद है।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "अब तक तस्वीर की चिंता किसी को नहीं थी। मुझे लगता है कि यह कोई मुद्दा नहीं है। अब विद्यार्थियों के आंदोलन का जिन्ना की तस्वीर से कोई संबंध नहीं है। वे उन लोगों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, जिन्होंने दो मई को विश्वविद्यालय परिसर में शांति भंग की थी।"
मंसूर यहां अर्धसैनिक बल में युवाओं को शामिल करने के संबंध में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से बात कर रहे थे।
उन्होंने कहा, "केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) जैसे केंद्रीय बलों में विद्यार्थियों की भर्ती को लेकर मैंने राजनाथ सिंह से मुलाकात की। यह मुलाकात पूर्व निर्धारित थी। इसका जिन्ना की तस्वीर से कोई संबंध नहीं था।"
मंसूर ने कहा कि राजनाथ सिंह ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वे अमुवि के विद्यार्थियों से संवाद करने और उन्हें केंद्रीय बलों में भर्ती होने के लिए प्रेरित करने के लिए अर्धसैनिक बल के अधिकारियों को भेजेंगे।
अमुवि के हॉल से जिन्ना की तस्वीर हटाने की मांग पर उन्होंने कहा कि वह तस्वीर विश्वविद्यालय में 1938 से है और जिन्ना की तस्वीर तो बंबई उच्च न्यायालय और साबरमती आश्रम जैसे स्थानों पर भी है।
उन्होंने कहा, "हम पहले ही इस मुद्दे की न्यायिक जांच की मांग कर चुके हैं।"
कुलपति ने मंगलवार को जिन्ना की तस्वीर के कारण विश्वविद्यालय में पैदा हुए तनाव से अध्ययन प्रभावित नहीं करने की अपील की थी।
एक पत्र के जरिए उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की थी कि वे उनकी मातृसंस्था की छवि बिगाड़ने और विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाली कुछ ताकतों के जाल में न फंसें।
उन्होंने कहा था, "किसी भी परिस्थिति में आपकी पढ़ाई बाधित नहीं होनी चाहिए, खासकर तब, जब आपकी परीक्षाएं होने वाली हों।"


