झारखंड विधानसभा में विपक्ष के बायकॉट के बीच 4,296 करोड़ का पहला अनुपूरक बजट पारित
झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन सोमवार को दूसरी पाली में विपक्षी सदस्यों के बायकॉट के बीच चालू वित्तीय वर्ष के लिए 4,296 करोड़ 62 लाख रुपए का प्रथम अनुपूरक बजट पारित कर दिया गया

विपक्ष के बायकॉट के बीच झारखंड विधानसभा में ₹4,296 करोड़ का अनुपूरक बजट पारित
- झारखंड सरकार का पहला अनुपूरक बजट मंजूर, विपक्ष ने किया सदन से वॉकआउट
- वित्त मंत्री बोले—मजबूत है राज्य का वित्तीय प्रबंधन, बजट पर विपक्ष का विरोध
- अनुपूरक बजट पर गरमाया सदन, भाजपा का कटौती प्रस्ताव खारिज
- झारखंड में बेरोजगारी और महिला कल्याण पर सरकार का फोकस, बजट में मिले संकेत
- राजस्व लक्ष्य का 27% हासिल, बिना कर्ज के सरकार चला रही है काम: वित्त मंत्री
रांची। झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन सोमवार को दूसरी पाली में विपक्षी सदस्यों के बायकॉट के बीच चालू वित्तीय वर्ष के लिए 4,296 करोड़ 62 लाख रुपए का प्रथम अनुपूरक बजट पारित कर दिया गया।
विपक्षी दल भाजपा ने अनुपूरक बजट में कटौती का प्रस्ताव लाया, लेकिन इसे अस्वीकार कर दिया गया। इस पर समूचे विपक्ष ने सदन का बायकॉट कर दिया।
वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने अनुपूरक बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि सरकार का वित्तीय प्रबंधन मजबूत है। चालू वित्तीय वर्ष में बजट व्यय की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि योजना मद में साढ़े चार माह में 23,799 करोड़ खर्च हुआ है, जो करीब 26.50 प्रतिशत खर्च है। इस दौरान सरकार ने 33,707 करोड़ का राजस्व हासिल किया है। यह कुल राजस्व लक्ष्य का 27 प्रतिशत है। यह एक बड़ी उपलब्धि है।
उन्होंने कहा कि विगत 10-15 वर्षों की समीक्षा करके देख लेना चाहिए कि हमारी सरकार का वित्तीय प्रबंधन कैसा रहा है।
वित्त मंत्री ने कहा कि अभी तक सरकार को बाजार से कर्ज लेने की जरूरत नहीं पड़ी है। हमारी सरकार कर्ज लेने की 3 प्रतिशत की सीमा से बहुत नीचे है। आज भी सरकार 18 हजार करोड़ रुपए बाजार से ऋण लेने की हकदार है। यह बताता है कि हमारा वित्तीय प्रबंधन कैसा है।
मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि साढ़े चार माह में केंद्रीय करों में राज्य को सिर्फ 17 प्रतिशत का हिस्सा मिला है। यह असंतोषजनक स्थिति है। केंद्र की उज्ज्वला योजना पर सवाल उठाते हुए मंत्री ने कहा कि यह विफल रही है। वहीं, राज्य सरकार महिलाओं को ‘मंईयां सम्मान योजना’ के तहत 2,500 रुपए प्रतिमाह दे रही है, जिसका उपयोग वे बच्चों की पढ़ाई और जरूरतों में कर रही हैं।
वित्त मंत्री ने सदन को बताया कि राज्य में करीब आठ लाख बेरोजगार पंजीकृत हैं। पिछले पांच वर्षों में डेढ़ लाख लोगों को रोजगार मिला है।


