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झारखंड में जंगली हाथियों की आवाजाही से कई पैसेंजर और मेमू ट्रेनें रद्द

झारखंड में जंगली हाथियों के कारण ट्रेनों के पहिए थम रहे हैं। पश्चिमी सिंहभूम जिले के चक्रधरपुर रेल मंडल ने यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए 18-19 दिसंबर को टाटानगर, चक्रधरपुर, राउरकेला और झारसुगुड़ा रेलखंड पर चलने वाली कई मेमू और पैसेंजर ट्रेनों को रद्द करने का निर्णय लिया है

झारखंड में जंगली हाथियों की आवाजाही से कई पैसेंजर और मेमू ट्रेनें रद्द
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जमशेदपुर। झारखंड में जंगली हाथियों के कारण ट्रेनों के पहिए थम रहे हैं। पश्चिमी सिंहभूम जिले के चक्रधरपुर रेल मंडल ने यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए 18-19 दिसंबर को टाटानगर, चक्रधरपुर, राउरकेला और झारसुगुड़ा रेलखंड पर चलने वाली कई मेमू और पैसेंजर ट्रेनों को रद्द करने का निर्णय लिया है।

रेलवे अधिकारियों के अनुसार टाटानगर रेलखंड सहित नक्सन-राउरकेला, चक्रधरपुर-राउरकेला और राउरकेला-झारसुगुड़ा सेक्शन में जंगली हाथियों की लगातार आवाजाही देखी जा रही है।

कई स्थानों पर हाथियों का झुंड रेल पटरियों के आसपास और कभी-कभी ट्रैक पर भी पहुंच जा रहा है, जिससे ट्रेनों के संचालन में गंभीर जोखिम उत्पन्न हो गया है। संभावित हादसों से बचने और यात्रियों की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से यह एहतियाती कदम उठाया गया है।

रद्द की गई ट्रेनों में राउरकेला-टाटानगर मेमू, चक्रधरपुर-राउरकेला-चक्रधरपुर मेमू, रांची-झारसुगुड़ा-रांची मेमू, राउरकेला-झारसुगुड़ा-राउरकेला मेमू और बरामपुड़ा-बिसरा-बरामपुड़ा पैसेंजर ट्रेन शामिल हैं।

ये सभी ट्रेनें 18 और 19 दिसंबर को निर्धारित तिथियों पर परिचालित नहीं होंगी। इन ट्रेनों के रद्द होने से खासकर दैनिक यात्रियों, छात्रों और नौकरीपेशा लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

रेल प्रशासन का कहना है कि हाथियों की गतिविधियों पर लगातार नजर रखी जा रही है और वन विभाग के साथ समन्वय बनाकर स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया जा रहा है। ट्रैक पर गश्त बढ़ा दी गई है और संवेदनशील इलाकों में लोको पायलटों को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।

रेलवे ने टाटानगर और आसपास के स्टेशनों से यात्रा करने वाले यात्रियों से अपील की है कि वे स्टेशन आने से पहले अपनी ट्रेन की अद्यतन स्थिति की जानकारी अवश्य प्राप्त कर लें। साथ ही, आवश्यक होने पर वैकल्पिक यात्रा व्यवस्था पर भी विचार करें। अधिकारियों का कहना है कि जैसे ही हाथियों की आवाजाही सामान्य होगी और ट्रैक पूरी तरह सुरक्षित पाए जाएंगे, ट्रेनों का परिचालन बहाल कर दिया जाएगा।


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