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पलामू टाइगर रिजर्व में शिकार गिरोह का भंडाफोड़, नौ गिरफ्तार, 13 फरार

झारखंड के वन विभाग ने लातेहार-पलामू जिला स्थित बेतला-पलामू टाइगर रिजर्व (पीटीआर) में वन्य जीवों का शिकार करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है

पलामू टाइगर रिजर्व में शिकार गिरोह का भंडाफोड़, नौ गिरफ्तार, 13 फरार
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झारखंड के पलामू टाइगर रिजर्व में वन्य जीवों का शिकार करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, नौ गिरफ्तार, 13 फरार

  • वन्य जीवों के दुश्मनों पर शिकंजा, पीटीआर में संगठित शिकार गिरोह का पर्दाफाश
  • झारखंड में वन्य जीव तस्करी का खुलासा, बाघ शिकार की कबूलियत से हड़कंप
  • बेतला जंगल में शिकारियों की घेराबंदी, वन विभाग की बड़ी कार्रवाई
  • टाइगर ट्रैप से लेकर बारूद तक: पीटीआर में वर्षों से सक्रिय गिरोह का खुलासा

लातेहार। झारखंड के वन विभाग ने लातेहार-पलामू जिला स्थित बेतला-पलामू टाइगर रिजर्व (पीटीआर) में वन्य जीवों का शिकार करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है।

विभाग की विशेष टीम ने अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी कर गिरोह के नौ सदस्यों को गिरफ्तार किया, जबकि 13 आरोपी फरार होने में सफल रहे। यह जानकारी पीटीआर के उप निदेशक प्रजेश जैन ने प्रेसवार्ता में दी।

बताया गया कि गिरफ्तार आरोपियों के पास से आठ भरठुआ बंदूकें, एक फरसा, 400 ग्राम बारूद, 14 ग्राम गंधक, एक टाइगर ट्रैप, 15-15 फीट के दो बड़े फंदे और जंगली जानवरों की हड्डियां बरामद की गई हैं।

वन विभाग की कार्रवाई की शुरुआत 19 अगस्त को हुई थी, जब नावागढ़ निवासी सरफुदीन मियां को वन क्षेत्र में बारूद और गंधक बेचते गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उसने बताया कि यह सामग्री वह शिकारियों को उपलब्ध कराता है।

सरफुदीन ने स्वीकार किया कि उसने गारू थाना क्षेत्र के कुई ग्राम निवासी तपेश्वर सिंह को भारी मात्रा में बारूद उपलब्ध कराई है। इसके बाद बुधवार की सुबह करीब तीन बजे लातेहार के कुई गांव में छापामारी की गई, जहां से तपेश्वर को एक भरठुआ बंदूक के साथ गिरफ्तार किया गया।

पूछताछ में तपेश्वर ने कबूल किया कि वह वर्षों से गिरोह के साथ मिलकर पीटीआर के जंगलों में शिकार करता रहा है। उसने यह भी स्वीकार किया कि करीब दस वर्ष पहले गारू के चंदवा चट्टान क्षेत्र में एक बाघ का शिकार किया गया था। उसकी निशानदेही पर आगे की छापामारी में कुल नौ शिकारियों को गिरफ्तार कर लातेहार जेल भेज दिया गया।

गिरफ्तार आरोपियों में सरफुदीन मियां, तपेश्वर सिंह, रामसुंदर तुरी, झमन सिंह, कईल भुइयां, अजित सिंह, हरिचरण सिंह, रमन सिंह और पारसनाथ सिंह शामिल हैं।

अधिकारियों ने बताया कि गिरोह वर्षों से सक्रिय था और संगठित नेटवर्क के जरिए शिकार करता था। गिरोह के 13 आरोपियों की तलाश जारी है। इस अभियान के लिए वन विभाग की ओर से दो टीमें बनाई गई थीं।

कार्रवाई पीटीआर साउथ के उपनिदेशक कुमार आशीष और पीटीआर नॉर्थ के उपनिदेशक प्रजेश जैन की निगरानी में हुई। गिरोह के पकड़े जाने के बाद जंगलों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।


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