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बिहार चुनाव पर महुआ माजी का सवाल: 'जनता से ज्यादा वोटिंग, जांच जरूरी'

बिहार चुनाव में एनडीए को मिली जीत के बाद जारी राजनीतिक बयानबाजी के बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की राज्यसभा सांसद महुआ माजी ने रविवार को कई मुद्दों पर टिप्पणी की

बिहार चुनाव पर महुआ माजी का सवाल: जनता से ज्यादा वोटिंग, जांच जरूरी
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एनडीए की जीत पर उठे सवाल, महुआ माजी ने ओवैसी के बयान का किया समर्थन

  • बिहार चुनाव परिणाम पर सवाल
  • जनता से ज्यादा वोटिंग का आरोप और जांच की मांग
  • ओवैसी के बयान पर सहमति
  • विपक्ष की भूमिका और लोकतंत्र की चिंता

रांची। बिहार चुनाव में एनडीए को मिली जीत के बाद जारी राजनीतिक बयानबाजी के बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की राज्यसभा सांसद महुआ माजी ने रविवार को कई मुद्दों पर टिप्पणी की। उन्होंने न सिर्फ चुनाव परिणामों पर सवाल उठाए, बल्कि लालू परिवार में जारी घमासान और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की टिप्पणी पर भी बात की।

बिहार चुनाव में एनडीए की जीत पर महुआ माजी ने कहा कि चुनावों में कभी किसी की जीत होती है, कभी किसी की, यह सिलसिला चलता रहता है। हालांकि, उन्होंने आरोप लगाया कि डबल इंजन की सरकार होने का फायदा भी सत्ता पक्ष को मिलता है। उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले 10-10 हजार रुपए खाते में देना, तरह-तरह की सौगातें देना और कई वादे करना सत्ता में रहने वालों के लिए आसान होता है। विपक्ष इन सब चीजों से वंचित रहता है।

सांसद ने वोटों की गिनती पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि कई तरह की बातें सामने आ रही हैं। कहा जा रहा है कि जनता से ज्यादा वोटिंग हुई। काउंटिंग को लेकर भी शंका है। यह सब जांच का विषय है और अगर कोई विवाद है, तो जांच के बाद सच सामने आना चाहिए।

लालू परिवार में जारी घमासान और रोहिणी आचार्य के बयान पर महुआ माजी ने कहा कि यह पूरी तरह पारिवारिक मामला है, इसलिए राजनीतिक टिप्पणी करना उचित नहीं। उन्होंने कहा कि हार के बाद समीक्षा होती है, लोग दुखी होते हैं, ऐसे में कई बार भावनाओं में बहकर कोई बयान आ जाता है। लेकिन, इसका मतलब यह नहीं कि उस पर टिके रहा जाए। समय के साथ बातें ठीक हो जाती हैं, कमियां समझ में आती हैं। राजनीति में ये सब चलता रहता है।

बिहार में महागठबंधन से झामुमो की दूरी पर सवाल पूछा गया तो महुआ माजी ने सीधे तौर पर कहा कि हेमंत सोरेन का कद राष्ट्रीय स्तर पर है। उन्होंने दावा किया कि अगर हेमंत सोरेन गठबंधन में होते और बिहार में चुनाव प्रचार करने जाते, तो महागठबंधन का परिणाम काफी बेहतर होता।

कांग्रेस पार्टी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया टिप्पणी पर महुआ माजी ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री जैसे महत्वपूर्ण पद पर बैठे व्यक्ति को ऐसे बयान नहीं देने चाहिए। इससे लोगों की भावनाएं आहत होती हैं।

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के बयान कि भाजपा को रोकने की जिम्मेदारी अकेले मुस्लिमों की नहीं, पर महुआ माजी ने सहमति दिखाई। उन्होंने कहा कि विपक्ष की सभी पार्टियों की जिम्मेदारी है कि वे लोकतंत्र को मजबूत करें। हमारा देश राजतंत्र की ओर बढ़ रहा है, जो बेहद खतरनाक है। एक हाथ में सत्ता का केंद्रीकरण तानाशाही को जन्म देता है। झारखंड में सीएम हेमंत सोरेन ने इस दिशा में मजबूत भूमिका निभाई है।


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