रांची में भव्य रावण दहन, सीएम हेमंत सोरेन और संजय सेठ ने किया शुभारंभ
विजयादशमी पर रांची के मोरहाबादी मैदान में गुरुवार शाम शानदार आतिशबाजी के बीच रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के विशाल पुतलों का दहन किया गया

मोरहाबादी मैदान में दशहरा उत्सव, विशाल पुतलों के दहन से गूंजा जय श्रीराम
- रांची में 70 फीट रावण का दहन, मुख्यमंत्री ने दिया सत्य की विजय का संदेश
- 1948 से चली आ रही परंपरा, रांची में दशहरा पर्व पर उमड़ी हजारों की भीड़
रांची। विजयादशमी पर रांची के मोरहाबादी मैदान में गुरुवार शाम शानदार आतिशबाजी के बीच रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के विशाल पुतलों का दहन किया गया।
मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित सीएम हेमंत सोरेन और विशिष्ट अतिथि रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ और रांची के विधायक सीपी सिंह ने रिमोट के जरिए जैसे ही तीनों पुतलों में आग लगाई, हजारों की भीड़ ने जय श्रीराम के नारे लगाए।
सीएम सोरेन ने इस मौके पर राज्य की जनता को दशहरा की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह पर्व हमें असत्य पर सत्य के विजय की याद दिलाता है। उन्होंने कहा कि दशहरा हमारी समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं का प्रतीक पर्व है।
रावण दहन का यह कार्यक्रम रांची की पंजाबी हिंदू बिरादरी की ओर से आयोजित किया गया था। यहां रावण का 70 फीट, कुंभकर्ण का 65 फीट और मेघनाद का 60 फीट का पुतला बनाया गया था। इन पुतलों के दहन के पहले भगवान राम के जीवन के प्रसंगों पर आधारित मनोहारी झांकियां भी प्रदर्शित की गईं। मुंबई और कोलकाता से आई फायर वर्क्स टीम की शानदार आतिशबाजी से पूरा आसमान जगमगा उठा।
रांची में रावण दहन की शुरुआत 1948 में हुई थी। उस समय बन्नू (पाकिस्तान) से आए 10-12 शरणार्थी परिवारों ने पहली बार दशहरा पर 12 फीट के रावण का पुतला बनाकर उसका दहन किया था।
पहले यह आयोजन शहर के बारी पार्क में होता था। बढ़ती भीड़ को देखते हुए 1960 से यह कार्यक्रम मोरहाबादी मैदान में आयोजित किया जाने लगा।
रांची में अरगोड़ा, हुंडरू मैदान, नामकुम सिदरौल, टाटीसिल्वे मैदान, शालीमार मैदान एचईसी, झखड़ाटांड़ और महादेव टंगरा में भी रावण दहन के कार्यक्रम आयोजित हुए। इन सभी स्थानों पर उमड़ी भारी भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे।


