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घाटशिला उपचुनाव 11 नवंबर को, आदर्श आचार संहिता लागू

झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले की घाटशिला विधानसभा सीट पर 11 नवंबर को उपचुनाव होगा

घाटशिला उपचुनाव 11 नवंबर को, आदर्श आचार संहिता लागू
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घाटशिला उपचुनाव में पहली बार ईवीएम पर रंगीन तस्वीरें

  • झारखंड में पहला उपचुनाव: घाटशिला सीट पर 2.55 लाख मतदाता करेंगे फैसला
  • झारखंड: घाटशिला सीट पर उपचुनाव की घोषणा, चुनावी हलचल तेज

रांची। झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले की घाटशिला विधानसभा सीट पर 11 नवंबर को उपचुनाव होगा। सोमवार को नई दिल्ली में निर्वाचन आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इसकी घोषणा की गई।

बता दें कि यह सीट झारखंड सरकार में मंत्री रहे रामदास सोरेन के निधन के बाद खाली हुई थी। यह विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। निर्वाचन आयोग की ओर से जारी कार्यक्रम के अनुसार, घाटशिला उपचुनाव की अधिसूचना 13 अक्टूबर को जारी की जाएगी। नामांकन की अंतिम तिथि 21 अक्टूबर तय की गई है, जबकि नामांकन पत्रों की जांच 22 अक्टूबर को होगी। उम्मीदवार 24 अक्टूबर तक नाम वापस ले सकेंगे। मतदान 11 नवंबर को कराया जाएगा, जबकि मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी।

झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि उपचुनाव की घोषणा के साथ पूरे पूर्वी सिंहभूम जिले में आदर्श आचार संहिता लागू हो गयी है। इस उपचुनाव में निर्वाचन आयोग के कई नए प्रावधान लागू होंगे। पहली बार ईवीएम पर प्रत्याशियों की रंगीन तस्वीरें लगाई जाएंगी ताकि मतदाताओं को उम्मीदवारों की पहचान करने में किसी तरह की दिक्कत न हो। घाटशिला विधानसभा क्षेत्र में हाल ही में मतदाता सूची का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण किया गया है, जिसमें मतदाताओं की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है।

नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, घाटशिला उपचुनाव में कुल 2,55,823 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इनमें 1,24,899 पुरुष और 1,30,921 महिला मतदाता शामिल हैं। इस प्रकार, अनुसूचित जनजाति (एसटी) आरक्षित इस विधानसभा सीट पर महिलाओं की संख्या पुरुषों से अधिक है। विशेष पुनरीक्षण के दौरान पुरुष मतदाताओं में 1,585 और महिला मतदाताओं में 2,871 की वृद्धि दर्ज की गई।

निर्वाचन आयोग ने मतदान केंद्रों के रेशनलाइजेशन पर भी जोर दिया है। अब घाटशिला विधानसभा क्षेत्र में 218 लोकेशन पर कुल 300 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इनमें 12 नए मतदान केंद्र जोड़े गए हैं, जबकि तीन पुराने मतदान केंद्रों का अन्य केंद्रों के साथ विलय किया गया है।

झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय के अनुसार, चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष, पारदर्शी और सुचारु बनाने के लिए सभी तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई हैं। प्रशासनिक और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के लिए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी की टीम इसी हफ्ते घाटशिला का दौरा करेगी। हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली राज्य की मौजूदा सरकार के कार्यकाल में यह पहला उपचुनाव होगा। इसे लेकर राज्य में सियासी हलचल तेज हो गई है।


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