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रिम्स परिसर में अवैध निर्माण पर बाबूलाल मरांडी का हमला, अफसरों को बताया जिम्मेदार

रांची स्थित राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (रिम्स) परिसर में बड़े पैमाने पर हुए अवैध निर्माण को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन सरकार पर तीखा हमला बोला है

रिम्स परिसर में अवैध निर्माण पर बाबूलाल मरांडी का हमला, अफसरों को बताया जिम्मेदार
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रिम्स जमीन घोटाले पर मरांडी का आरोप- ‘भ्रष्ट तंत्र ने दिया अवैध निर्माण को संरक्षण’

  • रिम्स अवैध निर्माण विवाद: मरांडी ने रजिस्ट्रार, नगर निगम और रेरा पर उठाए सवाल
  • रिम्स अवैध निर्माण पर सियासत गरम, मरांडी ने दोषी अफसरों पर कार्रवाई की मांग की

रांची। रांची स्थित राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (रिम्स) परिसर में बड़े पैमाने पर हुए अवैध निर्माण को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन सरकार पर तीखा हमला बोला है।

उन्होंने सोमवार को प्रदेश कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए इस पूरे मामले के लिए राज्य सरकार के 'भ्रष्ट तंत्र' को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश से रिम्स परिसर में अवैध निर्माण को तोड़ा जाना न्यायोचित और स्वागतयोग्य है, लेकिन इसकी सजा आम जनता को क्यों भुगतनी पड़ी, यह बड़ा सवाल है।

मरांडी ने कहा कि रिम्स परिसर में हुए अवैध निर्माण के पीछे सरकार का संरक्षण प्राप्त भ्रष्ट अधिकारी जिम्मेदार हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि हेमंत सरकार के कार्यकाल में सेना की जमीन की हेराफेरी जैसे मामलों में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी तक जेल जा चुके हैं, जो इस बात का प्रमाण है कि राज्य में भ्रष्टाचार किस हद तक फैला हुआ है।

उन्होंने कहा कि जब कोई आम नागरिक फ्लैट या जमीन खरीदता है, तो वह राज्य सरकार द्वारा जारी दस्तावेजों पर भरोसा करता है। यदि रिम्स परिसर की जमीन रिम्स की थी, तो उस पर बने फ्लैटों की रजिस्ट्री कैसे हो गई? रजिस्ट्री से पहले जमीन की वैधता सुनिश्चित करना रजिस्ट्रार की जिम्मेदारी होती है, लेकिन यहां नियमों की खुली अनदेखी हुई है, जिसमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।

मरांडी ने सवाल उठाया कि रजिस्ट्री के बाद जमीन का म्यूटेशन कैसे हो गया, जबकि झारखंड में आम आदमी को म्यूटेशन के लिए वर्षों तक दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। उन्होंने कहा कि इससे स्पष्ट है कि भ्रष्टाचार के तार नीचे से ऊपर तक जुड़े हुए हैं। उन्होंने इस मामले में रांची नगर निगम की भूमिका पर भी गंभीर सवाल खड़े किए।

मरांडी ने कहा कि रिम्स की जमीन पर फ्लैटों का नक्शा आखिर किसके आदेश से स्वीकृत किया गया, जबकि उच्च न्यायालय के आदेश से वर्षों तक नगर निगम में नक्शा पास करने की प्रक्रिया स्थगित थी। उन्होंने रेरा (रियल एस्टेट रेगुलेटरी ऑथोरिटी, झारखंड) को भी जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि संस्था ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई।

भाजपा नेता ने मांग की कि इस पूरे प्रकरण में शामिल रजिस्ट्रार, अंचल अधिकारी, रांची नगर निगम और रेरा के जिम्मेदार अधिकारियों को अविलंब निलंबित कर उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। साथ ही जिन निर्दोष लोगों ने फ्लैट खरीदे हैं, उन्हें तत्काल वैकल्पिक आवास उपलब्ध कराया जाए और उनके बैंक ऋण की जिम्मेदारी राज्य सरकार वहन करे। उन्होंने कहा कि बाद में यह राशि भ्रष्ट अधिकारियों से वसूली जाए।


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