Top
Begin typing your search above and press return to search.

झारखंड : रघुवर सरकार के कई फैसलों, योजनाओं पर लटकी तलवार

झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने पिछली रघुवर दास सरकार के कार्यकाल की कई योजनाओं को असफल बताते हुए उसे पलटने की कोशिश शुरू कर दी है

झारखंड : रघुवर सरकार के कई फैसलों, योजनाओं पर लटकी तलवार
X

रांची। झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने पिछली रघुवर दास सरकार के कार्यकाल की कई योजनाओं को असफल बताते हुए उसे पलटने की कोशिश शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री हेमंत सभी विभागों की समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने पिछली सरकार द्वारा चलाई गई योजनाओं के तहत हुए कार्यो की जांच के आदेश भी दिए हैं।

हेमंत सरकार, रघुवर दास सरकार द्वारा शुरू की गई मुख्यमंत्री आशीर्वाद योजना को बंद करने की तैयारी में है। इस योजना के तहत 35 लाख किसानों को पांच-पांच हजार रुपये प्रति एकड़ भूमि के हिसाब से मिलना था। लगभग 16 लाख किसान को इस योजना का लाभ भी मिला, लेकिन हेमंत सरकार इस योजना को बंद कर किसानों के लिए ऋणमाफी वाली नई योजना लाने की तैयारी में है।

पिछली सरकार के दौरान राज्य में 6500 स्कूलों के विलय के फैसले को भी मौजूदा सरकार वापस लेगी। स्कूली शिक्षा और साक्षरता मंत्री जगरनाथ महतो का कहना है कि इसकी प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगाी। उन्होंने कहा कि ऐसे विद्यालय, जो सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में थे और विलय के कारण वहां बच्चों को पठन-पाठन में परेशानी हो रही है, इसलिए वहां पहले से मौजूद विद्यालयों को फिर से खोला जाएगा।

शिक्षामंत्री ने कहा, "हम स्कूलों के विलय का विरोध करते रहे हैं, इससे राज्य के गरीब बच्चों की पढ़ाई बाधित हुई है।"

दरअसल, पिछली सरकार ने वैसे विद्यालयों को बंद कर दिया था, जो शिक्षा का अधिकार अधिनियम के मापदंड को पूरा नहीं कर पा रहे थे।

पिछली सरकार में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने झारखंड में 42,18,560 शौचालय निर्माण का दावा किया है। वर्ष 2018 में महात्मा गांधी की 150 जयंती के दिन झारखंड को ओडीएफ राज्य घोषित किया गया, लेकिन भाजपा सरकार के इस दावे को कोई मान नहीं रहा है। माना जा रहा है कि शौचालय निर्माण योजना में बड़ा घोटाला हुआ।

पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने शौचालय निर्माण योजना की जांच की घोषणा कर दी है। रघुवर सरकार पर गुमला में शौचालय निर्माण के नाम पर सरकार के खजाने से 150 करोड़ रुपये की निकासी का आरोप लगाया गया है।

पिछली सरकार द्वारा कराए गए ग्लोबल इन्वेस्टर समिट को लेकर भी कई सवाल उठाए गए हैं। हेमंत सरकार इस आयोजन की भी समीक्षा करने की तैयारी में है। सूत्रों का कहना है कि कई निर्माण कार्य के बड़े टेंडरों को भी रद्द कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री हेमंत पहले ही कह चुके हैं कि पिछली सरकार की जो भी कमियां थीं, वह धीरे-धीरे सामने आ रही हैं। उस दौरान कराए गए कार्यो का ऑडिट होगा। उनकी सरकार ईमानदारी से काम करेगी।

विपक्षी भाजपा मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना को बंद किए जाने की संभावना को लेकर सरकार पर निशाना साध रही है।

भाजपा के राज्य प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा, "राज्य सरकार अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए कल्याणकारी योजनाओं को बंद कर रही है। जहां एक ओर, सरकार किसानों के लिए लागत मूल्य से 150 प्रतिशत अधिक मूल्य देने तथा कर्जमाफी का वायदा करके सत्ता में आई थी, वहीं दूसरी ओर किसानों को कर्जमुक्त और आत्मनिर्भर बनाने वाली कल्याणकारी योजना कृषि आशीर्वाद योजना को बंद करने की खबरें सामने आ रही हैं। यह अफसोस की बात है।"

उन्होंने आगे कहा कि कृषि आशीर्वाद योजना से 35 लाख किसानों को सीधा लाभ मिल रहा था और वे कर्जदार बनने के बजाय आत्मनिर्भर बन रहे थे। भाजपा सरकार का लक्ष्य इस योजना के माध्यम से अगले पांच वर्षो में उन्हें पूर्णरूप से आत्मनिर्भर बनाने की थी।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it