Top
Begin typing your search above and press return to search.

झारखंड हाईकोर्ट ने लेबर कोर्ट के निर्णय पर बर्खास्त किए गए सीसीएल के 44 कामगारों की नौकरी फिर से बहाल की

झारखंड हाईकोर्ट ने सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) की करगली और स्वांग कोल वाशरी में काम करने वाले 44 स्थायी कामगारों की वर्ष 2017 में बर्खास्तगी को रद्द करते हुए उन्हें फिर से नौकरी में बहाल करने का आदेश दिया है। इन कामगारों की बर्खास्तगी के सीसीएल मैनेजमेंट के फैसले पर धनबाद जिला लेबर कोर्ट ने भी मुहर लगाई थी।

झारखंड हाईकोर्ट ने लेबर कोर्ट के निर्णय पर बर्खास्त किए गए सीसीएल के 44 कामगारों की नौकरी फिर से बहाल की
X

रांची । झारखंड हाईकोर्ट ने सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) की करगली और स्वांग कोल वाशरी में काम करने वाले 44 स्थायी कामगारों की वर्ष 2017 में बर्खास्तगी को रद्द करते हुए उन्हें फिर से नौकरी में बहाल करने का आदेश दिया है। इन कामगारों की बर्खास्तगी के सीसीएल मैनेजमेंट के फैसले पर धनबाद जिला लेबर कोर्ट ने भी मुहर लगाई थी।

हाईकोर्ट के जस्टिस एस चंद्रशेखर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने बर्खास्त किए गए इन मजदूरों की अपील याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा है कि लेबर कोर्ट द्वारा किसी कर्मी को बर्खास्त करने का आदेश देना उसके क्षेत्राधिकार में नहीं आता। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में टिप्पणी की है कि लेबर कोर्ट का काम श्रम विवादों का निपटारा करना है। वह खुद विवाद उत्पन्न करे, ऐसा नहीं होना चाहिए।

सीसीएल की करगली और स्वांग कोल वाशरियों में वर्ष 1980 के आसपास से 300 से ज्यादा मजदूर कांट्रैक्ट यानी ठेका के आधार पर अस्थायी रूप से काम कर रहे थे। वर्ष 1990 में ठेका मजदूर यूनियन ने भारत सरकार के एक आदेश का हवाला देते हुए इन मजदूरों की सेवा स्थायी करने की मांग को लेकर धनबाद लेबर कोर्ट में मुकदमा किया था।

इस पर सुनवाई करते हुए 1996 में कोर्ट ने इनकी सेवा स्थायी करने का निर्देश दिया था। इस आदेश के खिलाफ सीसीएल प्रबंधन ने हाईकोर्ट और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी, लेकिन फैसला श्रमिकों के पक्ष में आया। इसके बाद वर्ष 2010 में इनमें से 134 मजदूरों को सीसीएल मैनेजमेंट ने स्वांग और करगली कोल वाशरी में स्थायी तौर पर नियुक्ति दी गई थी।

लेकिन, इसके बाद वर्ष 2012 में सीसीएल ने इनके खिलाफ कुछ शिकायतों के आलोक में विभागीय कार्यवाही शुरू की। इस पर मजदूरों ने एक बार फिर धनबाद के लेबर कोर्ट की शरण ली। इस मामले में वर्ष 2017 में लेबर कोर्ट का आदेश आया, जिसमें इन मजदूरों को नौकरी से हटाने का आदेश दिया गया था। इसके बाद सीसीएल ने इन्हें बर्खास्त कर दिया था। बर्खास्तगी के आदेश के खिलाफ 44 मजदूरों ने झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने इन्हें फिर से बहाल करने का आदेश दिया है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it