झारखंड में भी भाजपा ने गंवाई सत्ता, हेमंत के सिर सजा का ताज
झारखंड विधानसभा चुनाव-2019 के सोमवार को मतगणना के दौरान मुख्यमंत्री रघुवर दास और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) हेमंत सोरेन ने भले ही जनादेश का सम्मान करने की बात कही

रांची। झारखंड विधानसभा चुनावों में भाजपा का जबरदस्त झटका लगा है। एक और राज्य उसके हाथ से निकाल गया है। चुनाव परिणामों के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के हेमंत सोरेन के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार बनना अब तय हो गया। राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास को जमशेदपुर पूर्व सीट पर अपनी ही सरकार के मंत्री सरयू राय ने हरा दिया। भाजपा ने सरयूराय को टिकट नहीं दिया था जिससे नाराज होकर उन्होंने मुख्यमंत्री के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत भी हसिल की।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष गिलुआ चक्रधरपुर से और विधानसभा के अध्यक्ष दिनेश उरांव सिसई सीट से झामुमो के उम्मीदवारों से चुनाव हार गए हैं। चुनाव में मिली हार के बाद रघुवर दास से मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और कहा कि इस हार में मैं पूरी जिम्मेदारी लेता हूं। दूसरी ओर हेमंत सोरेन दुमका और बरहैट दोनों सीटों पर चुनाव जीत गए हैं। महागठबंधन के सभी बड़े नेता चुनाव जीतने में कामयाब रहे।
विधानसभा की 81 सीटों के अब तक घोषित परिणाम और रूझान में झामुमो 30 और उसकी सहयोगी कांग्रेस 16 तथा राष्ट्रीय जनता दल (राजद) 01 सीट के साथ सरकार बनाने के लिए जरूरी जादुई आंकड़े 41 को पार कर गया है। वहीं, भाजपा को 25 सीटें ही मिलती दिख रही हैं। झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) 3, ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) 2 और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) 1, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) एक और निर्दलीय को दो सीटों पर जीत मिली है।
काम नहीं आया राम मंदिर व अनुच्छेद 370
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने राम मंदिर निर्माण, अनुच्छेद 370, फौरी तीन तलाक कानून, नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) जैसी उपलब्धियों के बलबूते वोट जुटाने की कोशिश की लेकिन झारखंड की जनता ने राष्टï्रीय मुद्दों की जगह स्थानीय मुद्दों पर वोट दिया।


