सात बालगृहों के लाइसेंस झारखंड सरकार ने किए रद्द
झारखंड सरकार रांची में मिशनरीज ऑफ चैरिटी द्वारा संचालित सात बालगृहों के लाइसेंस रद्द करेगी

रांची। झारखंड सरकार रांची में मिशनरीज ऑफ चैरिटी द्वारा संचालित सात बालगृहों के लाइसेंस रद्द करेगी। सामाजिक कल्याण विभाग के एक अधिकारी ने मंगलवार को आईएएनएस से कहा, "समाज कल्याण विभाग ने मिशनरीज ऑफ चैरिटी द्वारा संचालित सात बालगृहों के लाइसेंस रद्द करने की रांची के उपायुक्त की अनुशंसा स्वीकार कर ली है।"
अधिकारी ने कहा, "इस बारे में अधिसूचना स्वतंत्रता दिवस के बाद जारी की जाएगी।"
अधिकारी ने कहा, "रांची के उपायुक्त ने मिशनरीज ऑफ चैरिटी द्वारा संचालित बाल गृहों की जांच के आदेश दिए थे। जिला अधिकारियों ने गृहों की जांच की और इसके खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की, क्योंकि इन बालगृहों में नियमों का पालन नहीं होता था।"
दो अन्य संस्थान, आशा संस्थान और किशोरी निकेतन को उनकी कार्यपद्धति सुधारने के लिए तीन माह का वक्त दिया गया है।
अधिकारी ने कहा, "सात बालगृहों में से, एक के पास इमारत नहीं है, दूसरा किशोर न्याय अधिनियम के तहत प्रस्तावित दिशानिर्देशों का पालन नहीं कर रहा था। तीसरे बालगृह ने दो कमरे में 43 बच्चों को रखा था और एक बाल गृह का पता गलत पाया गया। पांचवें गृह का लाइसेंस समाप्त हो चुका था और बाकी दो में कुछ अनियमितताएं पाई गईं।"
मिशनरीज ऑफ चैरिटी जून में चार नवजात शिशुओं को 'बेचने' के मामले में विवादों में घिर गया था। इस मामले में चैरिटी के एक कर्मचारी और एक सिस्टर को गिरफ्तार किया गया था।
रांची के आर्कबिशप फेलिस्क टोप्पो ने दो दिन पहले एक बयान में आरोप लगाया था कि राज्य सरकार एनजीओ की जांच के नाम पर मिशनरीज के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है। राज्य का सीआईडी 88 एनजीओ के वित्तपोषण की जांच कर रहा है।
राज्य भाजपा ने हालांकि इन आरोपों को खारिज कर दिया था।
झारखंड भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शेहदरो ने कहा, "केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशानिर्देश के तहत जांच चल रही है। मिशनरीज को जांच में सहयोग करना चाहिए।"


