झारखंड : चुंबन प्रतियोगिता पर विधानसभा बाधित
झारखंड विधानसभा की कार्यवाही बुधवार को विभिन्न मुद्दों के कारण बार-बार बाधित हुई

रांची। झारखंड विधानसभा की कार्यवाही बुधवार को विभिन्न मुद्दों के कारण बार-बार बाधित हुई। इसमें झामुमो विधायक द्वारा आयोजित 'चुंबन प्रतियोगिता' के मामले पर बहस को लेकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों का हंगामा भी शामिल रहा। इसके कारण सदन में कुछ खास कामकाज नहीं हो पाया और कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। भाजपा सदस्यों ने अपनी सीटों पर खड़े होकर पिछले सप्ताह झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के विधायक साइमन मरांडी द्वारा आदिवासी जोड़ों के लिए आयोजित 'चुंबन प्रतियोगिता' पर चर्चा की मांग की।
भाजपा के राधा कृष्ण किशोर ने कहा, "झारखंड की आधी से ज्यादा आबादी महिलाओं की है। यह राज्य की महिलाओं का अपमान है और इसपर सदन में चर्चा की जानी चाहिए।"
झारखंड विकास मोर्चा-प्रजातांत्रिक के प्रदीप यादव ने गोड्डा जिले में 175 एकड़ जमीन ऊर्जा संयंत्र के लिए अडानी पॉवर लिमिटेड को हस्तांतरित किए जाने का मुद्दा उठाया।
उन्होंने कहा, "ग्रामीणों से जमीन जबरदस्ती अधिग्रहित की गई है। यह एक गंभीर मुद्दा है और इसपर सदन में चर्चा की जानी चाहिए।"
वहीं दूसरी तरफ झामुमो के सदस्य आवास नीति के खिलाफ नारेबाजी करते हुए विधानसभा अध्यक्ष के आसन के पास पहुंच गए। आवास नीति के तहत जो भी व्यक्ति राज्य में पिछले 30 सालों से रह रहा है, उसे एक स्थाई निवासी के सभी लाभ मिलेंगे। सदस्यों की मांग है कि इस फैसले को वापस लिया जाए।
उन्होंने जमीन अधिग्रहण अधिनियम में संशोधन पर चर्चा की मांग की, जिसे विधानसभा के मॉनसून सत्र के दौरान पास किया गया था।
विधानसभा अध्यक्ष दिनेश ओरांव ने सदस्यों को शांत कराने का प्रयास किया और प्रश्नकाल को चलने देने की अपील की। सदन को प्रबंधित करने में आ रही दिक्कतों के मद्देनजर सुबह 11:30 बजे उन्होंने सदन को 12:30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
जब सदन की कार्यवाही 12:30 बजे दोबारा शुरू हुई तो झामुमो सदस्यों ने दोबारा से विधानसभाध्यक्ष के आसन के पास जमा हो गए।
शोरगुल के बीच, संसदीय मामलों के मंत्री सरयू राय ने 2,761 करोड़ रुपये का दूसरा पूरक बजट पेश किया, जिसके बाद गुरुवार तक सदन को गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया।


