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जेजीएलएस को लगातार पांचवें साल देश के नंबर 1 लॉ स्कूल का दर्जा

ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल (जीएलएस) ने एक अभूतपूर्व उपलब्धि दर्ज करते हुए लगातार 5वें साल देश के नंबर 1 लॉ स्कूल का दर्जा हासिल किया है

जेजीएलएस को लगातार पांचवें साल देश के नंबर 1 लॉ स्कूल का दर्जा
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लंदन। ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल (जीएलएस) ने एक अभूतपूर्व उपलब्धि दर्ज करते हुए लगातार 5वें साल देश के नंबर 1 लॉ स्कूल का दर्जा हासिल किया है।

जीएलएस को दुनिया में 72वां रैंक मिला है, जिससे यह दुनिया के टॉप-100 में शामिल होने वाला भारत का एकमात्र लॉ स्कूल बन गया है।

जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल पिछले साल वैश्विक स्तर पर 84वें रैंक से इस साल 72वें रैंक पर पहुंच गया है, जो 12 रैंक की छलांग है।

इस वर्ष की रैंकिंग तैयार करने के लिए क्यूएस ने लगभग पांच हजार संस्थानों की प्रतिष्ठा और अनुसंधान के आउटपुट का विश्लेषण किया।

इनमें से 1,561 की 55 विषयों और पांच व्यापक विषय क्षेत्रों में रैंकिंग की गई, जिससे 19,100 से अधिक प्रविष्टियां बनीं। ये आंकड़े इस प्रयास के पीछे के पैमाने और व्यापकता को दर्शाते हैं जो क्यूएस रैंकिंग तैयार करने के लिए करता है।

संस्थानों की विषय के आधार पर रैंकिंग करने के लिए क्यूएस अकादमिक प्रतिष्ठा; नियोक्ता की प्रतिष्ठा; शोध उद्धरण; एच-इंडेक्स (एक सूचकांक जो संस्थान के विद्वानों द्वारा प्रकाशित कार्यों के प्रभाव और गुणवत्ता की स्थिरता को मापने का प्रयास करता है); और अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान नेटवर्क (आईआरएन), जो स्थिर अनुसंधान सहयोग स्थापित करने की दक्षता का एक उपाय है, पर विचार करता है।

ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के संस्थापक चांसलर नवीन जिंदल ने जेजीएलएस की इस उल्लेखनीय उपलब्धि पर कहा: “जिस निरंतरता के साथ जेजीएलएस को प्रतिष्ठित क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में देश के शीर्ष लॉ स्कूल के रूप में मान्यता मिली है, वह इस तथ्य की ओर इशारा करता है कि वह भारत में विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान करने के अपने मिशन से कभी विचलित नहीं हुआ है।

“अपने अस्तित्व के एक दशक से भी अधिक समय में जेजीएलएस का भारत के नंबर 1 लॉ स्कूल के रूप में उभरना देश के युवाओं के बीच गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की प्यास को भी दर्शाता है। यह मेरे लिए बेहद गर्व की बात है कि जेजीएलएस उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने में सफल रहा है।

“मैं इस तथ्य से विशेष रूप से रोमांचित हूं कि जेजीएलएस ने लगातार पांच वर्षों तक भारत में नंबर 1 स्थान बरकरार रखा है। मुझे विश्वास है कि जेजीयू के संकाय और कर्मचारियों का समर्पण हमें कानूनी शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाने की हमारी प्रतिबद्धता पर दृढ़ रहने के लिए प्रेरित करेगा।"

ओ.पी. जिंदल विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति प्रो. (डॉ.) सी. राज कुमार ने कहा: “मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल (जेजीएलएस) लगातार पांच वर्षों तक विषय आधारित क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2024 में भारत में नंबर 1 स्थान पर रहा है।

“वैश्विक स्तर पर, जेजीएलएस को 72वां स्थान दिया गया है, जिससे यह दुनिया में टॉप-100 में शामिल होने वाला भारत का एकमात्र लॉ स्कूल बन गया है। यह वास्तव में जेजीयू और जेजीएलएस के लिए एक युगांतकारी क्षण है। उल्लेखनीय है कि जेजीएलएस की स्थापना 15 साल पहले 2009 में 10 संकाय सदस्यों और 100 छात्रों के साथ की गई थी, जेजीएलएस में आज 5,500 से अधिक छात्र और 550 से अधिक पूर्णकालिक संकाय सदस्य हैं।

"इसने अपनी शिक्षाशास्त्र, शिक्षण मानकों, अनुसंधान परिणामों और अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी के कारण बहुत ही कम समय में इतनी विशिष्टता हासिल की है, जिसने आज इसे देश का प्रमुख लॉ स्कूल बना दिया है।"

जेजीएलएस के अलावा, भारत के दो अन्य लॉ स्कूलों ने इस साल प्रतिष्ठित सूची में जगह बनाई है - नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी (एनएलएसआईयू), बेंगलुरु (151-200 रैंक), और फैकल्टी ऑफ लॉ, दिल्ली विश्वविद्यालय (201-250 रैंक)।

जेजीएलएस को विषय आधारित क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2024 में ब्रिटेन के नॉटिंघम विश्वविद्यालय (78वें स्थान पर), अमेरिका के ऑस्टिन में टेक्सस विश्वविद्यालय (79वें स्थान पर), जापान के वासेदा विश्वविद्यालय (84वें स्थान पर) और अमेरिका के जॉर्ज वाशिंगटन विश्वविद्यालय (89वें स्थान पर) नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (एनटीयू), सिंगापुर (91वें स्थान पर), अमेरिका के बोस्टन विश्वविद्यालय (93वें स्थान पर), चीन के शंघाई जिओ टोंग विश्वविद्यालय (94वें स्थान पर), ऑस्ट्रिया के वियना विश्वविद्यालय (98वें स्थान पर), स्विट्जरलैंड के जिनेवा विश्वविद्यालय (99वें स्थान पर) जैसे विश्व स्तर पर प्रतिष्ठित संस्थानों से ऊपर स्थान दिया गया है।

जेजीएलएस शोधकर्ताओं ने 2023 में स्कोपस पर मौजूद विभिन्न स्रोतों में 175 से अधिक पेपर प्रकाशित करके अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित की, जो पिछले वर्ष की तुलना में 25 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि है। प्रभावशाली ढंग से, यह आउटपुट शीर्ष चार नेशनल लॉ स्कूलों (एनएलयू) के संयुक्त प्रकाशनों से 60 प्रतिशत से अधिक हो गया।

स्कोपस पर मौजूद मंचों पर जेजीएलएस के 2023 के आधे से अधिक प्रकाशन राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के सहयोग से हुए। जेजीएलएस ने सिर्फ उच्च गुणवत्ता वाले शोध तैयार करने में ही सफलता हासिल नहीं की है, इसने शिक्षा जगत और कानूनी पेशे से शीर्ष स्तर की वैश्विक प्रतिभाओं को शामिल कर, अंतःविषयी शिक्षा को बढ़ावा दिया है और दुनिया भर के प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों के साथ सहयोग करके शिक्षण के स्तर को ऊपर उठाया है। जेजीएलएस के संकाय सदस्य 38 देशों और क्षेत्रों से आते हैं।

चूंकि अंतर्राष्ट्रीयकरण जेजीयू का मुख्य फोकस है, जेजीएलएस ने दुनिया के शीर्ष विश्वविद्यालयों और लॉ स्कूलों के साथ 235 अंतर्राष्ट्रीय सहयोग बनाए हैं।

जेजीयू को जेजीएलएस के छात्रों और शिक्षकों की लैंगिक विविधता पर गर्व है। जेजीएलएस की 56 प्रतिशत संकाय सदस्य महिलाएं हैं। स्कूल के 70 प्रतिशत से अधिक नेतृत्व पदों पर महिलाएं हैं।

इसी तरह, जेजीएल के अधिकांश छात्र (53 प्रतिशत) महिलाएं हैं। विश्वविद्यालय के समानता और समावेशिता के लोकाचार के अनुरूप, छात्रों को योग्यता, वित्तीय आवश्यकता और शैक्षणिक प्रदर्शन के आधार पर उदार छात्रवृत्तियां प्रदान की जाती हैं।

पिछले 15 वर्षों के दौरान 11,500 से अधिक जेजीएलएस छात्रों को विभिन्न प्रकार की छात्रवृत्तियों से लाभ हुआ है, जिसकी कुल राशि 250 करोड़ रुपये है।


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