जेवर एयरपोर्ट को शुरुआत में मिल जाएंगे 50 लाख पैसेंजर
नए एयरपोर्ट को शुरू में अगर 50 लाख यात्री सफर करते हैं वह एयरपोर्ट दुनिया का सबसे बेहतर एयरपोर्ट माना जाता है

ग्रेटर नोएडा। नए एयरपोर्ट को शुरू में अगर 50 लाख यात्री सफर करते हैं वह एयरपोर्ट दुनिया का सबसे बेहतर एयरपोर्ट माना जाता है। 50 लाख पैसेंजर का लक्ष्य पश्चिमी उप्र के कुछ जिलों व राजस्थान के कुछ जिलों से शामिल किया गया है।
ऐसे में जेवर एयरपोर्ट यात्री के साथ कार्गो हब के रूप में विकसित किया जा रहा है। हवाई यात्रियों में अगर दिल्ली, गाजियबाद, गौतमबुद्धनगर, हरियाणा, राजस्थान आदि जिलों को शामिल जाए तो सालाना हवाई यात्रियों की संख्या 50 लाख से भी ज्यादा बढ़ सकती है।
जेवर हवाई अड्डा का शिलान्यास इसी साल अक्टूबर में होगा। विमान मंत्रालय में मंगलवार व बुधवार को हुई लगातार बैठक में इस पर सहमति बन गई है। दिल्ली के एनसीआर जेवर में बन रहे अंतरराष्ट्रीय हवाई का भरपूर फायदा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के आसपास जिलों को भी मिलेगा। जेवर हवाई अड्डा से 2022 व 2023 में छह अंतरराष्टï्रीय व 11 घरेलू विमान उड़ान भरेंगे। पीडब्ल्यूसी की हुई सर्वे रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि किसी भी नए एयरपोर्ट के चालू होने पर शुरुआत में 50 लाख पैसेंजर मिल जातेे है तो वह दुनिया का बेहतर एयरपोर्ट साबित होगा। सर्वे में बुलंदशहर, अलीगढ़, बंदायू, मथुरा, हाथरस, एटा, रामपुर, मुरादाबाद, अमरोहा व बिजनौर व राजस्थान के भरतपुर को शामिल किया गया है।
सर्वे में खुलासा हुआ है कि इन जिलो में जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई से 50 लाख यात्री हवाई सेवाओं का लाभ उठाएंगे। इन जिलों से यात्रियों को जेवर एयरपोर्ट तक पहुंचने में काफी सहूलियत होगी। वे दिल्ली के बजाय जेवर एयरपोर्ट से हवाई सेवाओं का लाभ लेना बेहतर समझेंगे। अभी तक इन जिलों के लोगों को हवाई सेवा के लिए दिल्ली एयरपोर्ट जाने में सौ किलोमीटर से ज्यादा सफर तय करना पड़ता है। उनका दो से ढाई घंटे का समय बर्बाद होता है। जेवर एयरपोर्ट पहुंचने में उन्हें एक घंटे से कम समय लगेगा। पीडब्ल्यूसी ने सर्वे में दिल्ली, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, पलवल, गुरूग्राम, मेवात, झुनझुन, सीकर, झज्जर, महेंद्रगढ़, सोनीपत, मेरठ, मुजफ्रनगर, सहारनपुर, कैथल, भिवाडी आदि जिले को शामिल नहीं किया गया।
इन जिलों को हवाई यात्री अगर जेवर एयरपोर्ट का इस्तेमाल नहीं करते है तो भी 2022 सें जेवर एयरपोर्ट को पश्चिमी उत्तर के जिलों से 50 लाख पैसेंजर मिल जाएंगे। बुधवार को दिल्ली केंद्रीय उड्डयन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा के नेतृत्व में यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण के अधिकारियों की बैठक हुई। जिसमें इस बात पर फोकस किया गया कि जेवर एयरपोर्ट के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश के पैसेंजर पर ज्यादा फोकस किया जाए।
अगर गौतमबुद्धगर, गाजियाबाद, मेरठ आदि जिलों को शामिल किया जाए कि 50 लाख से ज्यादा पैसेजर जेवर एयरपोर्ट में 2022 से मिलना शुरू हो जाएगा। केंद्रीय मंत्री की बैठक में इस बात पर भी फोकस किया गया कि व्यापारिक गतिविधियों के साथ एयर ट्रैफिक बढ़ाने के लिए एयरपोर्ट के साथ उससे जुड़ी कनेक्टिविटी और यातायात सुविधाओं का भी विकास आवश्यक है। इसलिए जेवर एयरपोर्ट के निर्माण के साथ-साथ ट्रेन, मेट्रो, बस, ऑटो व निजी वाहनों के साथ उसकी कनेक्टिविटी सुनिश्चित करनी होगी,ताकी एयरपोर्ट आने जाने वाले यात्रियों ओर सामान की सकल परिवहन लागत को कम किया जा सके। प्राधिकरण की तैयारी है कि जेवर एयरपोर्ट को लेकर जमीन अधिग्रहण का काम हर हाल जून तक पूरा हो जाएगा।


