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भाजपा की कई मजबूत सीट छीनना चाहते हैं जदयू-लोजपा

एनडीए गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं, दर्जन भर सीटों पर पेंच फंसा

भाजपा की कई मजबूत सीट छीनना चाहते हैं जदयू-लोजपा
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पटना | लोकसभा चुनाव के लिए बिहार में दोनों गठबंधनों ने न तो सीटों का निर्धारण किया है और न ही अब तक उम्मीदवारों की घोषणा की है। यह अलग बात है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सीटों का बंटवारा कर अपने विपक्षी गठबंधन पर मामूली बढ़त बना ली है।

इस बीच, राजग के नेता उम्मीदवारों की जल्द घोषणा कर लेने का दावा कर रहे हैं, परंतु सूत्रों का दावा है कि राजग में छह-सात सीटों पर पेंच अभी भी फंसा हुआ है।

पिछले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 22 सीटों पर जीत हासिल की थी। इस चुनाव में राजग के घटक दलों में समझौते के अनुसार 17 सीटों पर भाजपा अपने उम्मीदवार उतारेगी। यानी उसे पिछले चुनाव में जीती पांच सीटें छोड़नी हैं।

पटना साहिब से सांसद शत्रुघ्न सिन्हा नाराज बताए जा रहे हैं, जबकि दरभंगा के सांसद कीर्ति आजाद पाला बदलकर कांग्रेस का हाथ थाम चुके हैं, तथा बेगूसराय के सांसद भोला सिंह का निधन हो गया है।

सूत्रों का कहना है कि इसमें पटना साहिब सीट भाजपा किसी हाल में छोड़ना नहीं चाहती है। जनता दल (युनाइटेड) मुंगेर संसदीय सीट से राज्य के मंत्री और मुख्यमंत्री के नजदीकी ललन सिंह को उतारने का न केवल मन बना चुकी है, बल्कि उन्होंने यहां से तैयारी भी प्रारंभ कर दी है जबकि मुंगेर सीट का लोकसभा में प्रतिनिधित्व लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) करती है।

सूत्रों का दावा है कि लोजपा अपनी सिटिंग सीट मुंगेर को छोड़ने के बजाय नवादा की मांग कर रही है, जहां के सांसद केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह हैं।

जद (यू) प्रवक्ता नीरज कुमार कहते हैं कि सीटों की संख्या पहले से तय है। उम्मीदवार और सीट निर्धारण शीर्ष नेतृत्व जल्द ही तय करेगा। उन्होंने दावा किया कि राजग में सीट निर्धारण को लेकर भी कोई विवाद नहीं था और आगे भी कोई विवाद नहीं होगा।

भाजपा के एक नेता ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में जद (यू) अकेले चुनाव मैदान में थी, जबकि लोजपा, भाजपा और राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी (रालोसपा) साथ थीं। इस चुनाव में रालोसपा राजग से बाहर हो गई है और जद (यू) साथ है।

उन्होंने कहा कि जद (यू) के आने के बाद कई सीटों पर पेंच फंसा हुआ है, परंतु यह बहुत बड़ी बात नहीं है।
भाजपा नेता ने कहा कि दरभंगा सीट भाजपा की सिटिंग सीट है, परंतु यहां से जद (यू) अपने नेता को चुनाव मैदान में उतारना चाहता है।

उन्होंने स्पष्ट किया कि दरभंगा, मुंगेर, महाराजगंज, बेगूसराय, नवादा जैसी कुछ सीटें हैं, जहां उम्मीदवार चयन को लेकर बात चल रही है।

सूत्रों का कहना है कि वर्ष 2009 में बेगूसराय सीट जद (यू) की थी। इस कारण जद (यू) इस पर अपना दावा ठोंक रहा है। जबकि काराकाट सीट पिछले लोकसभा चुनाव में रालोसपा ने जीती थी, जिसे जद (यू) परंपरागत सीट बता रहा है। भाजपा इनमें से एक सीट पर अपना दावा नहीं छोड़ना चाह रही है।

इस बीच, भाजपा के नेता और विधान पार्षद संजय मयूख ने दावा किया कि 10-12 दिनों के अंदर सीटों का निर्धारण कर लिए जाएगा और घोषणा भी कर दी जाएगी। उन्होंने किसी प्रकार के विवाद से इंकार करते हुए कहा कि राजग के सभी घटक दलों का लक्ष्य अधिक से अधिक सीटें जीतने का है।

बिहार में लोकसभा की कुल 40 सीटें हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा को 22 सीटें मिली थीं, जबकि सहयोगी लोजपा को छह और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) को तीन सीटें मिली थीं। उस समय जद (यू) के दो प्रत्याशी ही विजयी हुए थे।


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