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जद-यू की केरल इकाई ने नीतीश के फैसले का किया विरोध

जनता दल-युनाइटेड (जद-यू) की केरल इकाई ने गुरुवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन का विरोध किया और उनके साथ अपने संबंध को तोड़ने की घोषणा की

जद-यू की केरल इकाई ने नीतीश के फैसले का किया विरोध
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नई दिल्ली/तिरुवनंतपुरम। जनता दल-युनाइटेड (जद-यू) की केरल इकाई ने गुरुवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन का विरोध किया और उनके साथ अपने संबंध को तोड़ने की घोषणा की।

जद-यू की केरल इकाई के प्रमुख व राज्यसभा के सदस्य वीरेंद्र कुमार ने दिल्ली में संवाददाताओं को बताया कि वह फासीवादी शक्तियों के खिलाफ लड़ाई में उच्च सदन से इस्तीफा देने के लिए भी तैयार हैं।

उन्होंने कहा, "इसकी जो भी कीमत होगी, हम चुकाने के लिए तैयार हैं।"

उन्होंने कहा, "हमें जद-यू का राजग के साथ गठबंधन स्वीकार नहीं है और नीतीश कुमार के साथ हमारे संबंध समाप्त हो चुके हैं। यह चौंकाने वाला है कि नीतीश कुमार राजग में शामिल हो गए। हम सभी ने सोचा था कि वह फासीवादी प्रवृत्तियों के खिलाफ जंग करेंगे लेकिन वह अब इसका एक हिस्सा बन गए हैं।"

वीरेंद्र कुमार ने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि जद-यू के वरिष्ठ नेता शरद यादव और बिहार में पार्टी के विधायक, नीतीश कुमार के निर्णय को स्वीकार नहीं करेंगे।

उन्होंने कहा, "मैं शरद यादव और जदयू विधायकों को फोन कर कहूंगा कि वे कहें कि हम इसे स्वीकार नहीं करते हैं।"

उन्होंने कहा कि वह 5 अगस्त को उप राष्ट्रपति के चुनाव के बाद केरल लौट आएंगे और भविष्य की योजना पर निर्णय लेने के लिए राज्य परिषद बैठक आयोजित करेंगे।

नीतीश कुमार ने बुधवार को कांग्रेस व राजद के साथ के महागठबंधन से अलग होकर भाजपा के साथ गठबंधन कर गुरुवार सुबह बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।

नीतीश कुमार द्वारा राजग के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन देने के बाद से जद-यू की केरल इकाई नाराज थी।

पार्टी के नेता वर्गीज जॉर्ज ने तिरुवनंतपुरम में कहा कि वह और उनके सहयोगी नीतीश के इस कदम को स्वीकार नहीं करते।

नीतीश कुमार द्वारा कोविंद को समर्थन देने के बावजूद वीरेंद्र कुमार ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की उम्मीदवार मीरा कुमार को वोट दिया था, जो राष्ट्रपति पद के चुनाव में रामनाथ कोविंद से हार गईं थीं।

केरल में जद-यू का कोई विधायक नहीं है। राज्य में पार्टी कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चे का हिस्सा है।

वीरेंद्र कुमार 2014 के आम चुनाव में पलक्कड़ से बुरी तरह हारे थे। वह वामपंथी धड़े के साथ अपनी राजनीतिक पारी पर विचार कर रहे हैं।


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