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जदयू को नहीं दिखती केंद्र के पैसे से बनती फोर-लेन सड़कें, महासेतु : सुशील मोदी

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने जदयू अध्यक्ष ललन सिंह को निशाने पर लेते हुए कहा कि विकास योजनाओं और कर्मचारियों के वेतन तक के लिए जब बिहार केंद्रीय सहायता और कर्ज से प्राप्त राशि पर पूरी तरह निर्भर है

जदयू को नहीं दिखती केंद्र के पैसे से बनती फोर-लेन सड़कें, महासेतु : सुशील मोदी
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पटना। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने शुक्रवार को जदयू अध्यक्ष ललन सिंह को निशाने पर लेते हुए कहा कि विकास योजनाओं और कर्मचारियों के वेतन तक के लिए जब बिहार केंद्रीय सहायता और कर्ज से प्राप्त राशि पर पूरी तरह निर्भर है, तब जदयू अध्यक्ष ललन सिंह किस झूठ पर गाल बाजा रहे हैं।

सुशील मोदी ने कहा कि मुंगेर में ललन सिंह को हराने के लिए हमें किसी बाहरी प्रत्याशी की जरूरत नहीं। भाजपा के टिकट पर सामान्य कार्यकर्ता भी उनका अहंकार तोड़ सकता है। उन्होंने कहा कि जिस नल-जल योजना का दंभ भरा जा रहा है, उसे बिहार को केंद्रीय करों में प्राप्त हिस्सेदारी और 15वें वित्त आयोग की सिफारिश पर मिली धनराशि से पूरा किया गया।

सुशील मोदी ने कहा कि जदयू ने टीन का चश्मा लगा रखा है। उसे बख्तियारपुर-मोकामा, सिमरिया-खगड़िया में 1 लाख करोड़ की केंद्रीय योजना के तहत बनने वाली 4-लेन और 6-लेन सड़कें भी नहीं दिखतीं। ये सड़कें ललन सिंह के संसदीय क्षेत्र से गुजरती हैं। केंद्र सरकार बिहार में 8 नये मेडिकल कॉलेज स्थापित कर रही है और मोकामा में गंगा पर राजेंद्र सेतु के समानान्तर महासेतु बन रहा है। क्या यह केंद्र सरकार का योगदान नहीं है?

उन्होंने कहा कि बरौनी कारखाने का आधुनिकीकरण कर यूरिया का उत्पादन फिर से शुरू कराया गया। केंद्र सरकार का 8,350 करोड़ उस कांग्रेस के राज में बंद हुआ था, जिसकी गोद में बैठने से जदयू को केंद्र का काम नहीं दिखता। नीतीश कुमार और ललन सिंह को केंद्र सरकार के काम नहीं दिखते। जनता सब देख रही है और वह 2024 में भी भाजपा की झोली भरेगी।

लॉ एंड ऑर्डर मामलों की पार्लियामेंट्री कमेटी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर तीन जुलाई को एक बैठक बुलाई है। सांसद सुशील मोदी की अध्यक्षता में यह बैठक होगी। इसको लेकर सुशील मोदी ने कहा कि जो पर्सनल लॉ हैं उस पर अध्ययन करना हमारी कमेटी लॉ एंड जस्टिस के अधिकार क्षेत्र में आता है। हम लोगों ने लॉ कमीशन, भारत सरकार के प्रतिनिधियों को बुलाया है।

उन्होंने कहा कि तीन जुलाई को बैठक बुलाई गई है। विधि आयोग को समान नागरिक संहिता पर आम जनता और धार्मिक संस्थाओं के प्रमुखों से विचार-विमर्श और राय मांगने को भी कहा गया था। बैठक में कमेटी के सदस्य विचार रखेंगे।


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