जल्द शुरू होगा जेवर हवाईअड्डा, ग्लोबल टेंडर को हरी झंडी
ग्रेटर नोएडा। नोएडा इंटरनेशनल ग्रीन फील्ड हवाईअड्डे के निर्माण की अंतिम बाधा भी दूर हो गई।

2022 तक हवाई जहाज भर सकेंगे उड़ान
ग्रेटर नोएडा। नोएडा इंटरनेशनल ग्रीन फील्ड हवाईअड्डे के निर्माण की अंतिम बाधा भी दूर हो गई। लोकसभा चुनाव के बाद मंगलवार मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की पहली बैठक गौतमबुद्धनगर में जेवर के निकट नोएडा इंटरनेशनल ग्रीनफील्ड हवाईअड्डे के डवलपर चयन के लिए बिड डाक्यूमेंट को मंजूरी दे दी गई।
इससे विकासकर्ता चयन के लिए ग्लोबल टेंडर का रास्ता साफ हो गया।
सरकार ने 30 मई को ग्लोबल टेंडर फ्लोट करने का निर्णय लिया है। कैबिनेट निर्णय की जानकारी राज्य सरकार के प्रवक्ता व स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने दी। सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार के सहयोग से जेवर हवाईअड्डे को टेंडर स्थिति तक न्यूनतम समय में पहुंचाने में सफलता हासिल की है। सामान्य तौर पर इस प्रक्रिया तक पहुंचने में 7-8 वर्ष लगते हैं।
योगी सरकार ने यह दो वर्ष से भी कम समय में पूरी किया है। उन्होंने बताया कि कैबिनेट ने प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग क्रियान्वयन कमेटी द्वारा संस्तुत बिड (आरएफ क्यू कम आरएफपी) डॉक्यूमेंट व ड्राफ्ट कंसेशन एग्रीमेंट डॉक्यूमेंट को मंजूरी दे दी है। मंत्री ने बताया कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (एनआईएएल) द्वारा ग्लोबल टेंडर की कार्रवाई पीएमआईसी द्वारा प्रस्तावित टाइम लाइन के अनुसार करने का भी अनुमोदन दे दिया है।
एयरपोर्ट की स्थापना पीपीपी मॉडल पर होगी। इसके विकासकर्ता के चयन के लिए ग्लोबल टेंडर 30 मई को फ्लोट किया जाएगा। इसमें पूरी दुनिया से डवलपर शामिल होंगे। छह महीने में टेंडर से जुड़ी प्रक्रिया पूरी कर जनवरी 2020 तक विकासकर्ता का चयन कर लिया जाएगा। इसके बाद निर्माण से जुड़ी कार्यवाही शुरू हो जाएगी। निदेशक नागरिक उड्डयन सूर्यपाल गंगवार ने बताया कि यह लंबी अवधि वाला प्रोजेक्ट है। इसके कार्य की टाइमलाइन को भी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। राज्य सरकार का काम प्रोजेक्ट के लिए भूमि उपलब्ध कराना है।
यह कार्यवाही तेजी से चल रही है। इसके लिए 1426 हेक्टेयर जमीन चाहिए। 1200 हेक्टेयर से अधिक जमीन निजी लोगों की हे। इसके अधिग्रहण की कार्यवाही चल रही है। भूमि का मुआवजा बंट चुका है और पुनर्वासन व पुनर्व्यस्थापन की राशि वितरण की कार्यवाही चल रही है। इसके बाद जमीन के म्यूटेशन का काम होगा। गंगवार ने बताया कि चयनित डवलपर चार चरण में एयरपोर्ट का निर्माण करेगा। दो रनवे का एअरपोर्ट होगा। इसे दो चरण में अलग-अलग तैयार किया जाएगा।


